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    महाराणा प्रताप के जीवन से प्रेरणा लें युवा पीढ़ी : कंवरपाल

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 26 Jan 2020 09:15 AM (IST)

    महाराणा प्रताप एक महान योद्धा थे। जिन्होंने देश के दुश्मनों के दांत खट्टे किए थे। उनके नाम से देश के दुश्मन कांपते थे।

    महाराणा प्रताप के जीवन से प्रेरणा लें युवा पीढ़ी : कंवरपाल

    संवाद सहयोगी, रादौर : महाराणा प्रताप एक महान योद्धा थे। जिन्होंने देश के दुश्मनों के दांत खट्टे किए थे। उनके नाम से देश के दुश्मन कांपते थे। उन्होंने मुगलों के साथ लोहा लिया और भारत माता की रक्षा की। उनके जैसे वीर भारत के इतिहास में बहुत कम हुए है। जिन्होंने अपना सबकुछ गंवा कर भी भारत माता की रक्षा की। यह शब्द शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने शनिवार को पालेवाला गांव में महाराणा प्रताप के शौर्य दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहे। इसका आयोजन पूर्व विधायक श्याम सिंह राणा ने किया था।

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    कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि हमारे वीर योद्धा देश की रक्षा के लिए अपनी व अपने परिवारों तक की कुर्बानी देने में पीछे नहीं रहे। महाराणा प्रताप के राज्य पर मुगलों ने जब कब्जा किया तो महाराणा प्रताप ने जंगलों में रहकर फौज तैयार की और मुगलों से लोहा लिया। जंगलों में महाराणा प्रताप ने घास फूंस की रोटियां खाकर गुजारा किया। लेकिन कभी हार नहीं मानी और मुगलों से टक्कर ली। महाराणा प्रताप जैसे वीरों से हमें अपने देश के लिए सबकुछ कुर्बान करने के लिए तैयार रहना चाहिए। उनके जीवन से हमें प्रेरणा मिलती है कि देश सबसे पहले है। उनकी नीतियां व शिक्षाएं हमारे लिए प्रेरणास्त्रोत का काम कर रही है। श्याम सिंह राणा ने कहा कि महाराणा प्रताप के जीवन से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि हमें देश की एकता व अखंडता के लिये कार्य करना चाहिए। हमारे वीर योद्धा आज की युवा पीढ़ी के मार्गदर्शक है। जिनसे युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलती है। कंवरपाल गुर्जर, श्याम सिंह राणा, महेंद्र सिंह तंवर राष्ट्रीय अध्यक्ष क्षत्रिय समाज, कर्नल देवेंद्र सिंह, अमरपाल जींद भाजपा अध्यक्ष को लोगों ने पगड़ी पहना कर व स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित किया। मौके पर कर्म सिंह नाचरौन सरपंच, जगदीप सरपंच पालेवाला, मास्टर साहब सिंह नाचरौन, बाबा भूप सिंह, राजबीर सिंह पूर्व सरपंच पालेवाला, बालकिशन पूर्व सरपंच, दीपक राणा, श्यो सिंह राणा, चंदन सिंह पालेवाला, मास्टर जंगशेर सिंह लालछप्पर, गोपाल सरपंच अलाहर, भूषण राणा, पदम सिंह झगूड़ी सरपंच, नीटू सरपंच बरहेड़ी, गुरनाम सिंह पूर्व सरपंच फतेहगढ़ मौजूद रहे।