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    यमुनानगर में सीवर लाइन की समस्या से मिलेगी राहत, 68 करोड़ की परियोजना पर काम शुरू

    Updated: Wed, 17 Dec 2025 03:07 PM (IST)

    यमुनानगर में 27 साल पुरानी सीवर लाइनों की मरम्मत का काम शुरू हो गया है। जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) 68 करोड़ रुपये की लागत से 13 किम ...और पढ़ें

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    27 साल पुरानी हो चुकी इन लाइनों की हालत अब सुधरेगी।

    जागरण संवाददाता, यमुनानगर। शहर में सीवर लीकेज और ओवरफ्लो की लगातार बढ़ती समस्या से राहत दिलाने के लिए जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) ने 27 साल पुरानी सीवर लाइनों के सुधार का काम शुरू कर दिया है। 68 करोड़ रुपये की इस परियोजना के तहत वर्ष 1998 में बिछाई गई करीब 13 किमी लंबी सीवर लाइनों की आधुनिक तकनीक से जांच, सफाई और अंदरूनी कोटिंग कराई जाएगी।

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    विभाग का दावा है कि परियोजना पूरी होने के बाद मानसून के दौरान जलभराव, गंदगी और बीमारियों के खतरे में कमी आएगी। जर्जर पाइपों से सीवर का गंदा पानी बाहर निकलकर सड़कों पर फैल जाता है। इससे न केवल लोगों को आवागमन में परेशानी होती है, बल्कि आसपास के इलाकों में बदबू और गंदगी भी फैलती है।

    सर्वे में यह सामने आ रहा है कि कई जगह पाइपलाइन में दरारें 

    काम की शुरुआत अंडरग्राउंड कैमरा सर्वे से की गई है। विभागीय सूत्रों के अनुसार कैमरों के जरिए सीवर लाइनों के भीतर जाकर स्थिति की जांच की जा रही है। इस सर्वे में यह सामने आ रहा है कि कई जगह पाइपलाइन में दरारें हैं और कुछ हिस्सों में पाइप पूरी तरह जर्जर हो चुके हैं। इन्हीं कमजोर हिस्सों के कारण सीवर का गंदा पानी सड़कों पर फैलता है और लोगों को रोजाना परेशानी झेलनी पड़ती है।

    कैमरा सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर क्षतिग्रस्त सीवर लाइनों की अंदरूनी सतह पर विशेष कोटिंग की जाएगी। यह कोटिंग पाइप की मजबूती बढ़ाएगी और पानी के रिसाव को रोकेगी। विभाग का आकलन है कि इस तकनीक से सीवर लाइनों की उम्र बढ़ेगी और बार-बार मरम्मत कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

    शहर के कई इलाकों में मानसून के दौरान हालात सबसे ज्यादा खराब हो जाते हैं। वर्षा के पानी के साथ सीवर लाइनें ओवरफ्लो हो जाती हैं। सड़कों पर गंदा पानी भर जाता है। इससे आवागमन बाधित होता है और संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इन्हीं हालात को देखते हुए विभाग ने इस परियोजना को प्राथमिकता दी है।

    कनेक्शनों के सामने छोटे पड़ने लगे पाइप

    यमुनानगर में करीब 600 व जगाधरी में 500 किमी से अधिक लंबी सीवरेज लाइन है। दोनों पुराने शहर हैं। अधिकतर एरिया में सीवर लाइन डाली हुई है, लेकिन सीवर लाइन में जो पाइप लाइन डाले गए हैं, वह कनेक्शनों के सामने छोटे पड़ने लगे हैं।

    नियमित रूप से सफाई न होने से जगाधरी में गौरी शंकर कालोनी मंदिर, देवी भवन बाजार, शमशान घाट रोड, सिविल लाइन, गांधीधाम, मटका चौक व यमुनानगर की विभिन्न कालोनियों में सीवर लाइन ओवरफ्लो रहने की शिकायतें रहती हैं। मधु चौक से कन्हैया साहिब चौक तक कई जगह लीकेज सामने आ चुकी है।

    पाइप की लाइफ बढ़ेगी

    जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के एक्सइएन दिनेश गाबा का कहना है कि कोटिंग और सफाई के बाद सीवर लाइनों की कार्यक्षमता पहले से कहीं बेहतर हो जाएगी। अंदरूनी कोटिंग से पाइप की लाइफ बढ़ेगी और बार-बार मरम्मत की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके साथ ही नियमित सफाई से जाम की समस्या भी खत्म होगी। सीवर से जुड़ी परेशानियों से निजात मिल सकेगी।