यमुनानगर में मौत के 29 ब्लैक स्पॉट, 2 साल में 152 लोगों की गई जान; कहां सोया प्रशासन?
यमुनानगर में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के प्रयास विफल होते दिख रहे हैं। जिले में 29 ब्लैक स्पॉट चिह्नित हैं, जिनमें से 20 आइरेड और 9 नेशनल हाईवे पर हैं ...और पढ़ें

यमुनानगर में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के प्रयास विफल होते दिख रहे हैं (फोटो: जागरण)
जागरण संवाददाता, यमुनानगर। सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों को रोकने के लिए डीजीपी ओपी सिंह ने ब्लाक स्पाट दूर करने के लिए मुख्य सचिव को पत्र लिखा है।
जिले की बात करें तो यहां पर 29 ब्लैक स्पाट चिह्नित हैं। इनमें से 20 ब्लैक स्पाट आइरेड (इंटीग्रेडिट रेड एक्सीडेंट डाटा) ने चिह्नित किए हैं। जबकि नौ ब्लैक स्पाट नेशनल हाईवे पर चिह्नित हैं। इन ब्लैक स्पाट को दूर किए जाने का मुद्दा हर सड़क सुरक्षा कमेटी की बैठक में उठ रहा है।
संबंधित विभागों के अधिकारी कभी टेंडर प्रक्रिया होने का हवाला देकर तो कभी जल्द कार्य पूरा कराने का आश्वासन देते हैं लेकिन धरातल पर कोई कार्य नहीं होता। यही कारण है कि सड़कों पर लोगों की जान जा रही है। इन 29 ब्लैक स्पाट पर दो वर्ष में 410 दुर्घटना में 152 लोगों की मौत हुई है।/B
आइरेड की ओर से सड़क दुर्घटना के संभावित क्षेत्रों को चिह्नित किया जाता है। यह क्षेत्र दुर्घटनाअों में मौतों के आंकड़ों व घायलों की स्थिति के आधार पर चुने जाते हैं। आइरेड दो किमी के एरिया का ग्रिड चुनता है।
उसमें दुर्घटना रोकने के संभावित इंतजाम किए जाते हैं। आइरेड के चिह्नित ब्लैक स्पाट कई बार सड़क सुरक्षा कमेटी की बैठक में उठ चुका है। कुछ प्वाइंट ऐसे हैं। जिनका मुद्दा एक वर्ष से सड़क सुरक्षा कमेटी में है लेकिन वहां पर कुछ काम नहीं हुआ।
इसके अलावा नेशनल हाईवे पर भी खामियां है। जिले में पंचकूला कलानौर नेशनल हाईवे व पांवटा साहिब नेशनल हाईवे है। फिलहाल पांवटा साहिब नेशनल हाईवे पर निर्माण कार्य चल रहा है। ऐसे में अधिकारी निर्माण कार्य में सभी खामियां दूर करने का आश्वासन दे रहे हैं।
सड़क सुरक्षा कमेटी में सबसे अधिक लोक निर्माण विभाग, नगर निगम व नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया की सड़कें हैं। अधिकारी इन सड़कों की खामियां दूर कराने के नाम पर टेंडर प्रक्रिया होने की बात कह देते हैं।
किसी का टेंडर मुख्यालय में लटका हुआ है तो कही पर एजेंसी न मिलने से टेंडर प्रक्रिया आगे न बढ़ने का हवाला दे दिया जाता है। हालांकि कमेटी सदस्य इस बारे में बैठक में तर्क भी रखते हैं कि बैठक में उठने वाले मुद्दे पर त्वरित कार्य होना चाहिए।
| स्थान | कारण/समस्या | दुर्घटना की संख्या |
| खामी - छप्पर जंक्शन | फ्लाई ओवरब्रिज (काम शुरू) | 19 |
| छप्पर - भंभौली जंक्शन | संकेतक नहीं | 16 |
| छप्पर - हरनौल जंक्शन | सेफ साइट डिस्टेंस नहीं | 11 |
| सदर जगाधरी - कैल स्टैच | संकेतक नहीं, ब्लाइंड मोड | 15 |
| फर्कपुर - सुढैल जंक्शन | सेफ साइट डिस्टेंस नहीं | 09 |
| सदर यमुनानगर - औरंगाबाद | टूटी सड़क | 13 |
| सदर यमुनानगर - खंडवा जंक्शन | चौराहा, लिंक रोड पर स्पीड ब्रेकर नहीं | 11 |
| सदर यमुनानगर - करेहड़ा खुर्द | फ्लाई ओवरब्रिज (काम शुरू) | 22 |
| सदर यमुनानगर - कलानौर जंक्शन | स्पीड ब्रेकर नहीं | 13 |
डीटीओ हैरतजीत कौर का कहना है कि अगले सप्ताह सड़क सुरक्षा कमेटी की बैठक होनी है। इस बैठक में सभी खामियां रखी जाएगी। उन पर हुए कार्यों के बारे में भी संबंधित विभागों के अधिकारियों से पूछा जाएगा।

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