Haryana News: ट्रेडिंग कंपनी में निवेश का झांसा, एक करोड़ 12 लाख रुपये की ठगी
यमुनानगर के सौरभ शर्मा से ट्रेडिंग कंपनी में निवेश के नाम पर 1 करोड़ 12 लाख की ठगी हुई। लवेश कुमार और अन्य पर आरोप है कि उन्होंने ऊंचे मुनाफे का लालच देकर रिश्तेदारों से भी निवेश कराया। बाद में पता चला कि आरोपियों पर पहले से ही धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

जागरण संवाददाता, यमुनानगर। ट्रेडिंग करने वाली कंपनी में निवेश कर मोटा लाभ कमाने का झांसा देकर गांधीमार्ग जगाधरी निवासी सौरभ शर्मा से एक करोड़ 12 लाख रुपये की ठगी कर ली गई। आरोप जयसिटी जगाधरी निवासी लवेश कुमार, उसकी पत्नी दीपिका, दिल्ली के गांधीनगर निवासी दीपक ठाकुर, संजय कुमार, उसकी पत्नी गगन कौर व राजीव मार्ग पर लगा है।
सौरभ शर्मा ने आरोपितों के झांसे में आकर अपने रिश्तेदारों व जानकारों के रुपये निवेश कराए। बाद में पता लगा कि आरोपितों के विरुद्ध कुरुक्षेत्र, करनाल व उत्तराखंड के देहरादून में भी इसी तरह से धोखाधड़ी के केस दर्ज हैं। अब मामले में शहर जगाधरी थाना पुलिस ने आरोपितों के विरुद्ध केस दर्ज किया है।
पुलिस को दी शिकायत में सौरभ शर्मा ने बताया कि लवेश कुमार ने उनके घर के सामने शेयर ट्रेडिंग की दुकान की हुई थी। जिस वजह से उससे व उसकी पत्नी दीपिका से जान पहचान हो गई थी। एक दिन आरोपित ने बताया कि बिटक्सट्रीम यूके की बड़ी ब्रांकेज कंपनी है। जिसका करोड़ों में कारोबार है।
दीपक ठाकुर व संजय वर्मा इस कंपनी का भारत में काम देखते हैं। इस कंपनी में उसने व पत्नी ने भी हिस्सेदारी की हुई है। यदि इस कंपनी में निवेश करेंगे तो आठ प्रतिशत लाभ हर माह मिलेगा। इस प्रोजेक्ट में कोई घाटा नहीं होगा। इस तरह से आरोपित ने उसे जाल में फंसा लिया। वर्ष 2022 में 80 हजार रुपये इस कंपनी में निवेश कर दिए।
शुरूआत में हर महीना निवेश किए गए रुपयों पर लाभ खाते में आता रहा। बाद में आरोपितों ने जगाधरी बस स्टैंड के पास ट्रैडपाक्स नाम से कार्यालय खोला। जहां पर दीपक ठाकुर व संजय वर्मा भी मिले। आराेपितों ने झांसा दिया कि कंपनी में अपने रिश्तेदारों व जानकारों के रुपये भी निवेश करा सकते हो। इसमें काफी लाभ होगा। उनके झांसे में आकर अपने रिश्तेदारों व जानकारों के एक करोड़ 12 लाख रुपये कंपनी में निवेश कर दिए।
आरोपितों ने अलग-अलग बैंक खाता में यह रुपये जमा कराए। कुछ दिन तक निवेश किए गए रुपयों का लाभ खाता में आया लेकिन बाद में बंद हो गया। आरोपितों से बात की तो वह टाल मटोल करने लगे। जब उन पर रुपये वापस करने का दबाव बनाया तो आरोपितों ने कहा कि उनकी जमीन उत्तर प्रदेश के मथुरा में है। आरोपितों ने इसका इकरारामा किया।
आरोपितों ने दो बार मथुरा बुलाया लेकिन जमीन की रजिस्ट्री नहीं कराई। बाद में आरोपित झूठे केस में फंसाने की धमकी देने लगे। इससंबंध में आरोपितों के विरुद्ध वर्ष 2024 में शिकायत दी लेकिन उस शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।
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