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    यमुनानगर धान घोटाला: हैफेड के सीनियर मैनेजर के बाद अब यमुनानगर के एएफएसओ और इंस्पेक्टर किए गए सस्पेंड

    Updated: Tue, 16 Dec 2025 02:11 PM (IST)

    यमुनानगर में 80 करोड़ रुपये के धान घोटाले में हैफेड के बाद खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने भी कार्रवाई की है। एएफएसओ देवेंद्र कुमार और निरीक्षक विनोद निलंब ...और पढ़ें

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    यमुनानगर धान घोटाला मामले में बड़ी कार्रवाई (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, यमुनानगर। करीब 80 करोड़ रुपये के धान घोटाले में हैफेड के बाद अब खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने भी जिम्मेदारों पर कार्रवाई कर दी है।

    खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के निदेशक अंशज सिंह ने सोमवार को सहायक खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी (एएफएसओ) देवेंद्र कुमार और निरीक्षक विनोद को निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि के दौरान देवेंद्र कुमार को डीएफएससी कार्यालय कैथल से अटैच किया गया है। इस कार्रवाई की पुष्टि डीएफएससी जतिन मित्तल ने की है।

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    एक सप्ताह पहले हैफेड के सीनियर मैनेजर सहित तीन कर्मचारियों पर भी निलंबन की कार्रवाई हो चुकी है। उधर, कुरुक्षेत्र में खरीद पर भाकियू ने सवाल उठाए हैं। प्रदेशभर के किसानों ने पानीपत में प्रदर्शन किया।

    13 नवंबर को विभागीय निदेशक ने छछरौली निवासी संदीप सिंगला और उनकी पत्नी रीतिका की प्रतापनगर स्थित राइस मिल में औचक निरीक्षण किया था। प्राथमिक जांच में करीब 42 करोड़ रुपये के धान घोटाले का खुलासा हुआ।

    इसके बाद निदेशक के आदेश पर छछरौली और रणजीतपुर स्थित सिंगला की अन्य मिलों की भी जांच कराई गई। दंपती की कुल सात मिल की जांच में करीब 70 करोड़ रुपये के घोटाले के साक्ष्य सामने आए। मौजूदा सीजन में जिले में अब तक करीब 80 करोड़ रुपये का धान घोटाला उजागर हो चुका है। दंपती की संपत्ति को अटैच करने संबंधी पत्राचार पूरा कर लिया है।

    पुलिस कार्रवाई पर सवाल

    अलग-अलग थानों में दंपती सहित चार पर केस दर्ज किए जा चुके हैं। पुलिस अब तक केवल संदीप सिंगला को ही गिरफ्तार कर पाई है, जबकि अन्य आरोपितों की तलाश है।

    पौंटी स्थित राइस मिल संचालक जावेद की अग्रिम जमानत याचिका पर 16 दिसंबर को हाई कोर्ट में सुनवाई होगी। 9 दिसंबर को हैफेड के फील्ड इंस्पेक्टर राजेश कुमार, चंद्र मोहन और सीनियर मैनेजर शैलेंद्र कुमार को निलंबित किया गया था। इसके बाद तकनीकी अधिकारी अनिल कुमार को भी निलंबित कर दिया गया।

    पानीपत में किसानों का प्रदर्शन

    किसानों ने सोमवार को किसानों ने प्रदर्शन किया। उत्तराखंड चीनी मिल पर बकाया दिलाने, किसानों फसल खराबे का मुआवजा दिलाने और धान घोटाले में जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग के लिए प्रदर्शन किया और रोष मार्च निकाला।

    इसकी निष्पक्ष और पारदर्शी जांच कर दोषी अधिकारियों और मिलर्स के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। किसानों का कहना है कि जब तक जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक ऐसी घटनाएं दोहराई जाती रहेंगी।

    प्रोडक्शन वारंट पर 17 दिसंबर को सुनवाई

    संदीप सिंगला फिलहाल जेल में बंद है। पुलिस प्रतापनगर व छछरौली थाने में दर्ज धान घोटाले के मामले में कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट पर लेकर रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है। 17 दिसंबर को अदालत में सुनवाई है।

    एसआइटी के सदस्य और सीआइए प्रभारी राजकुमार के अनुसार अदालत में सुनवाई के बाद ही प्रोडक्शन रिमांड पर फैसला होगा। वहीं संदीप सिंगला की पत्नी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें लगातार दबिश दे रही हैं।

    भाकियू का सवाल... कहां से आया 31 क्विंटल प्रति एकड़ धान

    कुरुक्षेत्र : धान खरीद में प्रति एकड़ का खरीद का आंकड़ा 31 क्विंटल के पार पहुंचने पर भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) ने सवाल उठाए हैं। मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों में जिले में 3.15 लाख एकड़ का पंजीकरण होने के बावजूद तीन लाख 16 हजार एकड़ को वेरिफाई किया गया है।

    खरीद के हिसाब से प्रति एकड़ औसत पैदावार भी 31.67 एकड़ प्रति क्विंटल आ रही है, जबकि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के क्राप कटिंग में यही औसत 25 क्विंटल प्रति एकड़ है। इसकी जांच की मांग को लेकर उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा को पत्र भेजा है। प्रदेश में छह जिले ऐसे हैं जहां से पोर्टल पर धान का पंजीकरण तो किया गया है, लेकिन यहां पर खरीद नहीं हुई है।