'किस-किस के नाम बताऊं, ऐसा स्कैम पहली बार नहीं हुआ' यमुनानगर में 70 करोड के धान घोटाले में मिलर के बड़े खुलासे
यमुनानगर में 70 करोड़ रुपये के धान घोटाले में एक मिलर ने सनसनीखेज खुलासा किया है। मिलर ने कहा कि वह किस-किस का नाम बताए, ऐसे घोटाले पहले भी हो चुके है ...और पढ़ें

मुख्य आरोपित संदीप सिंगला (File Photo)
जागरण संवाददाता, यमुनानगर। 70 करोड़ रुपये के धान घोटाले की जांच में एक बड़ा मोड़ तब आया। जब छछरौली निवासी मुख्य आरोपित संदीप सिंगला ने पूछताछ के दौरान जांच टीम के सदस्यों के सामने कहा कि ऐसा तो है नहीं कि पहली बार इस तरह का घोटाला हुआ है।
किस-किस के नाम बताऊं। इस मामले में मेरे साथ कौन-कौन है। उसके यह शब्द सुनकर जांच में लगे अधिकारी भी चकित रह गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच टीम ने इस टिप्पणी को आला अधिकारियों के समक्ष रख दिया है। अब अधिकारी जांच के बाद कह रहे हैं।
सात मिलों में धान घोटाला
यदि जांच सही दिशा में आगे बढ़ी तो इस घोटाले का पूरा नेटवर्क बेनकाब हो सकता है। उधर एसआईटी का कहना है कि आरोपित पत्नी रीतिका की तलाश जारी है।
बता दे कि 13 नवंबर को दंपती के सात मिलों का घोटाला उजागर हुआ था। इन पर तीन केस दर्ज है। इस मामले में पुलिस की धारा इजाद करने की भी तैयारी है। वहीं बुधवार को भी बिलासपुर कोर्ट में धान की सुपरदारी के मामले में फैसला नहीं हुआ। अब इस मामले में अदालत में छह दिसंबर को सुनवाई होगी।
एसआईटी ने रिकॉर्ड कब्जे में लेना शुरू किया
अभी तक की जांच में सामने आया है कि धान घोटाला किसी एक चावल मिलर, एक खरीद एजेंसी या एक कर्मचारी तक सीमित नहीं था बल्कि गेट पास जारी करने वाले कर्मचारी, परिवहन ठेकेदार और चावल मिलों के बीच एक संगठित नेटवर्क है।
एसआईटी ने दंपती से संबंधित धान घोटाले का रिकार्ड जुटाना शुरू कर दिया। अधिकारियों के अनुसार मंडी से निकलने वाले आउट गोइंग गेट पास पहले से तैयार रहते थे।
टीम ने मोबाइल वार्तालाप और टेलीफोन रिकार्ड भी लिया है। आरोपित सिंगला से पूछताछ के बाद जांच टीम का कहना है कि जांच हैफेड, मार्केट कमेटी व खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के कई बड़े नामों तक पहुंच सकती है। हैफेड के तीन और खाद्य एवं पूर्ति विभाग के सात कर्मियों पर भी विभागीय कार्रवाई की तैयारी है।

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