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    हरियाणा के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा, यमुना में सीजन का सबसे ज्यादा पानी; कई घरों के ढहने का खतरा

    Updated: Thu, 07 Aug 2025 08:20 AM (IST)

    यमुनानगर में पहाड़ी क्षेत्र में लगातार वर्षा के कारण यमुना नदी में जलस्तर बढ़ गया है। हथनी कुंड बैराज पर सुबह 73754 क्यूसेक पानी का बहाव दर्ज किया गया जो इस मानसून सीजन में सबसे अधिक है। जल बहाव में उतार-चढ़ाव को देखते हुए तटवर्ती गांवों को अलर्ट पर रखा गया है। पश्चिमी यमुना नहर और पूर्वी यमुना नहर में भी पानी भेजा गया है।

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    यमुनानगर के हथनीकुंड बैराज पर उफनती यमुना नदी। जागरण फोटो

    संवाद सहयोगी, यमुनानगर। तीन दिनों से पहाड़ी क्षेत्र और यमुना नदी के कैचमेंट एरिया (जलग्रहण क्षेत्र) में हो रही वर्षा के कारण बुधवार को यमुना नदी में इस मानसून सीजन में सर्वाधिक पानी का बहाव रहा।

    हथनी कुंड बैराज पर सुबह छह बजे पानी का बहाव 73754 क्यूसेक पहुंच गया। अब तक यह अधिकतम 64 हजार क्यूसेक तक ही पहुंचा था।

    बुधवार को दिन में बहाव घटा, लेकिन शाम तक फिर 62173 क्यूसेक पर पहुंच गया। जलबहाव में उतार-चढ़ाव के बीच तटवर्ती गांवों को अलर्ट पर रखा गया है। 72 घंटे में यह पानी दिल्ली पहुंच जाएगा। उधर, सोम नदी का जलबहाव 450 क्यूसेक चल रहा है। मारकंडा में आठ हजार और टांगरी में 6200 क्यूसेक जल बहाव रहा।

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    जल बहाव की स्थिति हर घंटे बदलता जलस्तर

    बुधवार सुबह छह बजे जल बहाव 73754 क्यूसेक दर्ज किया गया, जिसमें से पश्चिमी यमुना नहर में 11510 क्यूसेक और पूर्वी यमुना नहर में 1510 क्यूसेक पानी भेजा गया। शेष 60734 क्यूसेक पानी सीधे यमुना नदी में डायर्वट किया गया।

    जान जोखिम में डाल निकाली लकड़ियां 

    यमुना में पानी बढ़ने की खबर फैलते ही हथनीकुंड बैराज पर स्थानीय लोगों की भीड़ जुट गई। कई लोग पहाड़ों से बहकर आई लकड़ियों को पकड़ने के लिए नदी में उतर गए। कई किनारों पर लेटकर लकड़ियां पकड़ रहे थे।