यमुनानगर में पति की हत्या के आरोप से पत्नी और सहेली बरी, पुलिस की कहानी से मैच नहीं हुए सुबूत
यमुनानगर में अजय कुमार हत्याकांड में पत्नी कोमल और उसकी सहेली सोनम को अदालत ने बरी कर दिया क्योंकि पुलिस ठोस सबूत पेश करने में विफल रही। अभियोजन पक्ष ने अवैध संबंधों और हत्या के बारे में तर्क दिया जबकि बचाव पक्ष ने विरोधाभासी लोकेशन और दूसरी शादी के पहलू को उठाया।

जागरण संवाददाता, यमुनानगर। बिहार के जिला मोतिहारी के गांव बारावुर्क निवासी 40 वर्षीय अजय कुमार के आरोप से उसकी पत्नी कोमल व दिव्यांग सहेली सोनम को बरी कर दिया गया। दोनों के विरुद्ध पुलिस कोई मजबूत साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सकी। पुलिस की कहानी थी कि अवैध संबंधों में बाधक बनने पर कोमल ने अपने प्रेमी अमित व सहेली सोनम के साथ मिलकर अजय की हत्या की।
बचाव पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता वीरेंद्र सैनी ने बताया कि वारदात के समय तीनों साथ थे लेकिन कोर्ट में प्रस्तुत की गई उनकी लोकेशन अलग-अलग मिली। यह भी तर्क रखा गया कि अजय ने दूसरी शादी कर रखी है। जिस कारण उसकी हत्या की गई। ऐसे में स्थितिजनक साक्ष्य न मिलने पर कोमल व सोनम को बरी कर दिया गया। फैसला एडिशनल सेशन जज दानिश गुप्ता की कोर्ट ने दिया है।
21 मार्च 2024 को चौधरी देवी लाल कालेज के सामने खेत में अजय का शव मिला था। उसकी गर्दन आधी कटी हुई थी। पेट पर भी ब्लेड से निशान बने हुए थे। शव को कपड़े में बांधा हुआ था। शव को जलाने का भी प्रयास किया गया था। उस समय उसकी शिनाख्त नहीं हुई थी। पुलिस ने हत्या का केस दर्ज तफ्तीश शुरू की। तीन दिन बाद उसकी पहचान हुई थी।
पुलिस ने इस वारदात का राजफाश करते हुए बताया था कि अजय ने कोमल के साथ प्रेम विवाह किया था। जिसके बाद दोनों भागकर यहां यमुनानगर आ गए थे। वह यहीं पर फैक्ट्री में कार्य करने लगा था। इस शादी से उनके पास दो बच्चे हैं। कोमल यहां गोल्डनपुरी में अपनी सहेली सोनम के साथ रहने लगी थी जिसके बाद अजय वापस बिहार चला गया था। वहां उसने किसी अन्य युवती से शादी कर ली।
इस बीच कोमल के अमित के साथ संबंध बन गए जिससे कोमल ने भी अजय से दूर रहने का निर्णय ले लिया था। बाद में अजय दोबारा उसके पास आया और उस पर बिहार चलने का दबाव बनाने लगा था। इसके साथ ही कोमल को डर हो गया था कि अब अजय उसके अवैध संबंध में बाधक बनेगा। जिस पर उसकी कोमल, अमित व सोनम ने मिलकर उसकी हत्या कर दी थी। अमित की ई रिक्शा में डालकर उसका शव यहां फेंक दिया था।
मौखिक गवाही व मेडिकल सुबूत नहीं हुए मैच इस केस में मौखिक गवाही व मेडिकल सुबूत मैच नहीं हुए। कोमल के 15 व 14 वर्ष के दो बच्चे हैं। जब वारदात हुई तो उनके भी कमरे में होने की बात कही गई लेकिन उन्हें कहीं पर भी विटनेस नहीं बनाया गया था। मृतक अजय के जानकार गुड्डू व जोधा पासवान को गवाह बनाया गया, लेकिन उनकी गवाही में कही भी यह बात नहीं आई कि मृतक ने दूसरी शादी की हुई है।
इसके अलावा मेडिकल में मौत का समय नहीं था। कोर्ट ने भी टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि मृतक ने दूसरी शादी की हुई थी तो आरोपित कोमल को इससे कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए थी, क्योंकि उसका किसी ओर से प्रेम प्रसंग था। प्रेम त्रिकोण में हत्या की बात सिद्ध नहीं होती है।
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