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    आखिर अचानक घरों में क्यों निकलने लगे सांप? कॉमन करैत बना रहा लोगों को अपना शिकार

    Updated: Wed, 09 Jul 2025 02:08 PM (IST)

    वर्षा के मौसम में सांपों के निकलने की घटनाएं बढ़ गई हैं जिससे अस्पतालों में प्रतिदिन 10-15 मामले आ रहे हैं। ज्यादातर मामले कॉमन करैत सांप के काटने के हैं जिसके काटने से न्यूरोटाक्सिक और वासक्यूलोटाक्सिक जैसे लक्षण होते हैं जिससे मरीज की मौत भी हो सकती है। प्रदेश के छह जिलों में जून में करीब 73 लोगों को सांप ने काटा है।

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    गर्मी शुरू होते ही सांपों के निकलने का क्रम शुरू हो गया है। फाइल फोटो

    दीपक प्रजापति, यमुनानगर। वर्षा का सीजन शुरू हो गया है। ऐसे में सांप निकलते रहते हैं, क्योंकि बिलों में पानी भर जाता है। सांप निकलकर दूसरे स्थानों पर जाते हैं। यह लोगों को भी डस रहे हैं।

    अस्पतालों में प्रतिदिन औसतन 10 से 15 मामले पहुंच रहे हैं। कॉमन करैत सांप के डसने के सर्वाधिक मामले आ रहे हैं। यदि जहरीला सांप डस ले और मरीज को अस्पताल में समय पर नहीं पहुचाया जाए तो उसकी मौत होने की पूरी संभावना है।

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    सांप के काटने से न्यूरोटाक्सिक व वासक्यूलोटाक्सिक के लक्षण होते हैं। न्यूरोटाक्सिक में मरीज के मस्तिष्क पर असर पड़ता है। उसका खून का दौरा बंद हो जाता है। जिससे उसकी मौत हो जाती है। वासक्यूलोटाक्सिक में पूरे शरीर का ब्लड सर्कुलेशन रूक जाता है। शरीर में अंदरूनी व बाहरी हिस्सों में ब्लीडिंग होने लगती है। जिससे मौत हो जाती है। प्रदेश में सांप के काटने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

    इलाज के लिए लोग जिला नागरिक अस्पताल के साथ-साथ निजी अस्पतालों में भी जा रहे हैं। ज्यादातर लोग कॉमन करैत नामक जहरीले सांप का शिकार हुए हैं। सांप के काटने की घटनाएं वर्षा व धान के सीजन में ज्यादा होती है।

    सांप घरों में भी आने लगे हैं। प्रदेश के छह जिलों में जून में करीब 73 लोगों को काटा है। यमुनानगर में इंडियन स्पेक्टिकल कोबरा सांप की सबसे ज्यादा सक्रियता है। वर्ष 2024 में 215 से ज्यादा सांप गर्मी और वर्षा काल में रेस्क्यू किए हैं। जिले में 20 प्रजातियों के सांपों की मौजूदगी है, जिससे यह भी स्पष्ट होता है कि जिले के जंगल सांपों के लिए अनुकूल वातावरण बनाते हैं।

    • जींद में नागरिक अस्पताल में जुलाई में सांप काटने के सात मामले आ चुके हैं। मंगलवार दोपहर बाद भी तहसील कार्यालय में सांप निकल गया। सांप के काटने से जुलानी निवासी निवासी 22 वर्षीय प्रदीप की सोमवार को मौत हुई थी। जून में आठ मामले आए थे।
    • पानीपत में मई में सात, जून में 10 और जुलाई में अब तक 12 लोगों को सांप ने डसा है। 80 प्रतिशत मामले सनौली और बापौली क्षेत्र के हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पिछले साल सर्पदंश के 80 मामले आए थे। सोमवार सुबह गांव जलमाना निवासी 43 वर्षीय जयवंती की मौत हो गई।
    • कुरुक्षेत्र में पिछले चार दिन में बच्चे समेत छह को सांप ने डसा। रोजाना एक से दो लोगों को सांप डस रहे हैं। एलएनजेपी अस्पताल में पिछले चार दिन में एक नौ वर्षीय बच्चे समेत छह मरीज सांप काटने के बाद अपना इलाज करवाने पहुंचे हैं, कुछ दिन पहले सोते हुए सांप काटने से एक बच्ची की मौत हो गई थी। जून में 22 लोगों को सांप डस चुके हैं।
    • कैथल में एक माह में 20 केस सामने आ चुके हैं। गांव मानस में प्रवासी मजदूर की मौत भी हो चुकी है। गांव सिसला के स्नैकमैन कुलदीप ने बताया कि जिले में सबसे ज्यादा कॉमन करैत सांप हैं। यह हाथ लगने या फिर दबने पर तुरंत काटता है।
    • करनाल में सर्पदंश के करीब दस मामले आ चुके हैं। आठ व्यक्तियों की जान जा चुकी है। इनमें एक बच्ची व महिला भी हैं। जून में सांप के काटने के तीन मामले आए हैं। स्कैनमैन सतीश के अनुसार उनके पास हर रोज दो से तीन काल आ रही हैं।

    जंगलों में मौजूद सांपों की प्रजातियां

    पायथन, रैट स्नैक, कॉमन करैत, रसेल वाइपर, ब्लैक हेडेड स्नैक, बुल्फ स्नैक, सो स्क्रील्ड वाइपर, रेड सैंड बोआ, कॉमन सैंड बोआ स्नेक, कोबरा व किंग कोबरा समेत अन्य सांप की प्रजातियां हैं। किंग कोबरा, कोबरा, रसेल वाइपर व कॉमन करैत चार प्रजातियां बहुत ज्यादा जहरीली है। कोबरा यदि दबा हुआ होगा या उसको तंग करेंगे तो वह अटैक करता है।

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