भक्ति मार्ग पर चलने से जीवन में आता सकारात्मक बदलाव: भारती
इंसान पूर्व जन्म के पुण्य से भक्ति मार्ग का चुनाव करता है। जिससे उसके व्यक्तित्व में सकारात्मक बदलाव आते हैं। वह मनुष्य से देवता बन जाता है। यह बात साध्वी भारती ने कही। वह रविवार को दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान आश्रम में साप्ताहिक सत्संग में प्रवचन कर रहीं थीं।

जागरण संवाददाता, जगाधरी : इंसान पूर्व जन्म के पुण्य से भक्ति मार्ग का चुनाव करता है। जिससे उसके व्यक्तित्व में सकारात्मक बदलाव आते हैं। वह मनुष्य से देवता बन जाता है। यह बात साध्वी भारती ने कही। वह रविवार को दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान आश्रम में साप्ताहिक सत्संग में प्रवचन कर रहीं थीं। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण भगवद् गीता में अर्जुन को कहते हैं कि भगवान की शरण में जाने वाले चार तरह के भक्त होते हैं। पहले वे जिनके भीतर आत्मा परमात्मा को जानने की जिज्ञासा के लिए, दूसरे सांसारिक इच्छाओं के लिए, स्वर्ग या मोक्ष प्राप्ति के लिए, तीसरे संसार के दुखों व विपरीत परिस्थितियों से पीड़ित होकर व चौथे ज्ञानीजन होते हैं जो विवेक से व निस्वार्थ भाव से परमात्मा की शरणागत होते हैं। परमात्मा को जानना ही उनके जीवन का परम लक्ष्य है। इसे सबसे उत्तम भक्त कहते हैं। प्रभु को ज्ञानी भक्त अत्यंत प्रिय है, क्योंकि जिज्ञासु, अर्थाथी व आर्त यह तीनों मनमाने ढंग से परमात्मा को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। ज्ञानी भक्त शास्त्रों के अनुसार आचरण करता है। वह पूर्ण ब्रह्मनिष्ठ संत की शरण में जाकर शास्त्र सम्मत ब्रह्मज्ञान प्राप्त करके अपने भीतर आत्मा की गहराइयों में ही परमात्मा की खोज करता है। ऐसा भक्त निरंतर भक्ति मार्ग पर दृढ़ता से गुरु आज्ञा में चलते हुए परम लक्ष्य को प्राप्त कर लेता है। उसके भीतर धैर्य, शील, संतोष, दया, क्षमा सभी गुण अनायास ही प्रकट हो जाते हैं। जब तक जीवन में पूर्ण गुरु की कृपा नहीं होती, तब तक हमारी आत्मा जन्म मरण के बंधनों से मुक्त नहीं हो पाएगी। साध्वियों ने भक्तों को मधुर भजनों से कृतार्थ किया।
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