हरियाणा पुलिस के तीन अधिकारी होंगे 'केंद्रीय गृह मंत्री मेडल' से सम्मानित, ASI राकेश कुमार का भी नाम शामिल
Haryana News हरियाणा पुलिस के तीन अधिकारियों को केंद्रीय गृह मंत्री मेडल से सम्मानित किया जाएगा। इनमें यमुनानगर सीआइए टू के इंचार्ज रहे एएसआइ राकेश कुमार का नाम भी शामिल है। यमुनानगर में वर्ष 2022 में हुए लूट व मर्डर के केस को अन्वेषण के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देते हुए साइंटिफिक व टेक्निकल इन्वेस्टिगेशन के लिए मेडल दिया जाएगा।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता: हरियाणा पुलिस के तीन अधिकारियों को केंद्रीय गृह मंत्री मेडल से सम्मानित किया जाएगा। इनमें यमुनानगर सीआइए टू के इंचार्ज रहे एएसआइ राकेश कुमार का नाम भी शामिल है। पुलिसकर्मियों को यह सम्मान अन्वेषण में उत्कृष्टता पर वर्ष 2023 के लिए दिया जाएगा।
केंद्रीय मंत्रालय की ओर से इसकी जानकारी के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया है। यहां तैनात रहे एएसआइ राकेश कुमार का हाल ही में तबादला भोंडसी हो गया है लेकिन उन्हें जो सम्मान मिलेगा। वह यमुनानगर में वर्ष 2022 में हुए लूट व मर्डर के केस को अन्वेषण के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देते हुए साइंटिफिक व टेक्निकल इन्वेस्टिगेशन के लिए दिया जाएगा।
इन केसों का किया था पर्दाफाश
जिले में तीन मार्च 2022 को ज्वैलर को गोली मारकर दुकान से जेवरात लूटे गए थे। 10 मार्च 2022 को एक्टिवा सवार व्यापारी से ढाई लाख रुपये लूटे गए। छह मई 2022 को रादौर में लूट के लिए आए बदमाशों ने पीछा करने पर एसआइ सतीश कुमार को गोली मारकर घायल कर दिया था। 17 मई को महाराणा प्रताप चौक के पास एचडीएफसी बैंक में पैसा जमा कराने आए व्यापारी के नौकर की हत्या कर 50 लाख रुपये की लूट की गई थी। यह चारों केस अनट्रेस थे।
पुलिस के लिए भी यह केस चुनौती बने हुए थे, क्योंकि लगातार वारदात हो रही थी। इन वारदात में शामिल बदमाशों पर पांच लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था। इसके बावजूद चारों केस पुलिस के लिए गुत्थी बने हुए थे। सीआइए टू के तत्कालीन इंचार्ज राकेश कुमार ने टीम के साथ इस केस की तफ्तीश करते हुए साक्ष्य जुटाने शुरू किए। टेक्निकल तौर पर काम शुरू किया।
सीसीटीवी फुटेज खंगाली। गधौला गांव में एक सीसीटीवी फुटेज मिले। जिससे पता लगा कि वारदात करने वाले इस एरिया के रहने वाले हैं। गुप्त सूत्र से मिली जानकारी के बाद 30 मई को भगवानपुर के दिलप्रीत को पकड़ा गया। जिसके बाद पूरा गैंग पकड़ा गया और सभी वारदात ट्रेस हो गई।
कोई क्लू नहीं छोड़ रहे थे बदमाश
एएसआइ राकेश कुमार ने बताया कि यह केस काफी चुनौती भरे थे। वजह यह थी कि बदमाशों ने वारदात स्थल पर मोबाइल का प्रयोग नहीं किया था। वह कोई सुबूत नहीं छोड़ रहे थे। मास्क लगाकर रखते थे। वारदात के बाद वह बीच रास्ते में कपड़े बदल लेते थे। यह बदमाश क्राइम वेब सीरिज की तरह से अपराध कर रहे थे। खास यह था कि इन बदमाशों का कोई पहले का क्राइम रिकार्ड भी नहीं था।
हर रूट की सीसीटीवी फुटेज खंगाली। जिसके बाद ही इन केसों में सफलता मिली। जब दिलप्रीत को पकड़ा गया तो पूरा मामला खुला। इन बदमाशों ने वारदात में प्रयोग बाइक, पिस्टल, कपड़े व बैग गांव के ही तालाब में डाल दिए थे। जिन्हें वहां से रिकवर किया गया। गोताखाेरों ने कई दिन तक सर्चिंग के बाद यह सुबूत निकाले। इन सुबूतों की फोरेंसिक से भी जांच कराई गई।

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