Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आस्था का केंद्र है गांव झंडा का शिव मंदिर

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 22 Jul 2022 12:18 AM (IST)

    गांव झंडा की उत्तर दिशा में शिवालिक की पहाड़ी पर स्थित शिव मंदिर इन दिनों आस्था का केंद्र बना हुआ है। सावन माह में यहां भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।

    Hero Image
    आस्था का केंद्र है गांव झंडा का शिव मंदिर

    जागरण संवाददाता, यमुननागर: गांव झंडा की उत्तर दिशा में शिवालिक की पहाड़ी पर स्थित शिव मंदिर इन दिनों आस्था का केंद्र बना हुआ है। सावन माह में यहां भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। मंदिर में स्वयंभू प्राकृतिक शिवलिग स्थापित है। कुछ साल पहले इस शिवलिग को गांव में स्थापित करवाने के लिए खोदाई करवाई गई तो इस शिवलिग की गहराई अथाह पाए जाने पर ग्रामीणों को खुदाई का काम रोकना पड़ा था। जिसके बाद ग्रामीणों ने इसी स्थान को विकसित करने का संकल्प लिया। मंदिर का इतिहास

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गांव झंडा की उत्तर दिशा में शिवालिक की पहाड़ी पर स्थित शिव मंदिर का महाभारत से संबंध बताया जाता है। मान्यता है कि घटोत्कच और अहिलावती के बेटे बर्बरीक के महाभारत युद्ध में भाग लेने पर भगवान श्रीकृष्ण ने इसी पहाड़ी पर बर्बरीक की परीक्षा ली थी। इस परीक्षा में श्रीकृष्ण ने बर्बरीक का सिर दान में मांग लिया था। बर्बरीक ने इसके लिए हामी भरते हुए महाभारत का युद्ध देखने की इच्छा जाहिर की थी। तो श्रीकृष्ण ने बर्बरीक के सिर को पहाड़ी पर लगे बरगद के पेड़ पर रख दिया था, जहां से बर्बरीक ने महाभारत का युद्ध देखा। मान्यता है कि यह बरगद का पेड़ आज भी महाकलेश्वर मंदिर के पास ही खड़ा है। मंदिर की विशेषता

    मंदिर कमेटी के प्रधान रमेश उर्फ बिट्टू झंडा ने बताया कि शिवरात्रि के मौके पर मंदिर परिसर में विशेष सजावट की जाती है। शिवलिग का फूल, फलों व चंदन से विशेष श्रृंगार किया जाता है। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर कमेटी द्वारा भंडारे का आयोजन किया जाता है। श्रावण मास की शुरुआत के साथ ही मंदिर में रोजाना सुबह महारुद्र यज्ञ हो रहा है। 26 जुलाई को शिवरात्रि पर होने वाले जलाभिषेक के लिए भी मंदिर कमेटी द्वारा प्रबंध किए जा रहे हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पार्किग, विश्राम स्थल, पेयजल, शौचालयों व भंडारा गृह का निर्माण किया गया है।