छात्रों का भविष्य अधर में लटका, समग्र शिक्षा अभियान के तहत लगाए गए सेवानिवृत्त शिक्षक रिलीव
स्कूलों में शिक्षकों की कमी पूरी करने के लिए समग्र शिक्षा अभियान के तहत रखे गए सेवानिवृत्त शिक्षकों को सरकार ने हटा दिया है। जिसका असर छात्रों की पढ़ाई पर पड़ रहा है।

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : स्कूलों में शिक्षकों की कमी पूरी करने के लिए समग्र शिक्षा अभियान के तहत रखे गए सेवानिवृत्त शिक्षकों को सरकार ने हटा दिया है। जिसका असर छात्रों की पढ़ाई पर पड़ रहा है। कई स्कूल ऐसे हैं, जहां पर अब कोई शिक्षक नहीं है। बोर्ड परीक्षा की तैयारियों को लेकर भी छात्र चितित हैं। कुछ छात्र इन शिक्षकों से फोन कर स्कूल में न आने का कारण भी पूछ रहे हैं।
दरअसल, सरकार ने समग्र शिक्षा अभियान के तहत सेवानिवृत्त शिक्षकों को रिइंगेजमेंट पालिसी के तहत स्कूलों में लगाया था। इसके लिए उन्हें एक निश्चित मानदेय दिया जा रहा था। एक तरह से कान्ट्रैक्ट बेस पर इन शिक्षकों को रखा गया था। इसके तहत एक अप्रैल से 31 मार्च तक शिक्षकों का कान्ट्रैक्ट था। जिसे बाद में रिन्यू भी कर दिया जाता था। यह व्यवस्था इसलिए की गई थी कि स्कूलों में शिक्षकों की कमी की वजह से छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो। यह शिक्षक छात्रों को पढ़ाई सके। इस तरह से प्रदेश में करीब एक हजार शिक्षक विभिन्न स्कूलों में रखे गए थे। इन शिक्षकों के रिइंगेज होने से छात्रों को भी फायदा मिला। विशेषकर कोरोना महामारी के दौरान जब स्कूल बंद थे, तो इन शिक्षकों ने अन्य नियमित शिक्षकों की तरह आनलाइन कक्षाएं भी ली।
अचानक से कर दिया रिलीव
इन शिक्षकों का कान्ट्रैक्ट 31 मार्च को खत्म होना था, लेकिन सरकार ने एक महीना पहले ही 28 फरवरी को अचानक सभी शिक्षकों को रिलीव करने का आदेश जारी कर दिया। इसके बाद यह शिक्षक स्कूल में नहीं गए। इससे सेवानिवृत्त शिक्षकों को अधिक फर्क नहीं पड़ा, लेकिन छात्रों की पढ़ाई जरूर बाधित हुई है। माडल टाउन स्थित शहीद नवीन वैद्य राजकीय स्कूल में चार सेवानिवृत्त शिक्षकों को रिइंगेज किया गया था। इस स्कूल में करीब 800 विद्यार्थी हैं। हालांकि यहां पर और भी शिक्षक हैं, लेकिन विषय के हिसाब से शिक्षकों की कमी है। जिससे अब विद्यार्थियों को संबंधित विषय की पढ़ाई करने में दिक्कत आ रही है। विशेषकर बोर्ड परीक्षा को लेकर छात्र चितित है।
विस में भी उठा था मुद्दा
स्कूलों में शिक्षकों की कमी का मुद्दा विधानसभा में भी उठा था। जिसमें सरकार ने यही जवाब दिया था कि रिइंगेज पालिसी के तहत सेवानिवृत्त शिक्षकों को रखा गया है। अब इन्हीं शिक्षकों को अचानक से रिलीव कर दिया गया
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