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    5 महीने तक नहीं गूंजेगी शहनाइयां, देवशयनी एकादशी से एक महीना पहले मांगलिक कार्य बंद; नवंबर तक नहीं होगी शादी

    यमुनानगर में गुरु अस्त होने के कारण देवशयनी एकादशी से पहले ही मांगलिक कार्य बंद हो जाएंगे। 9 जून के बाद 18 नवंबर तक कोई शादी का मुहूर्त नहीं है। भड़लिया नवमी और देवोत्थान एकादशी पर भी शादी के योग नहीं हैं। 6 जुलाई से चातुर्मास शुरू होने के कारण विवाह गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य रुक जाएंगे जो 1 नवंबर को देवउठनी एकादशी के बाद फिर शुरू होंगे।

    By temp1 temp1 Edited By: Sushil Kumar Updated: Mon, 09 Jun 2025 08:32 PM (IST)
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    पांच महीने तक नहीं गूंजेगी शहनाइयां। फोटो जागऱण

    दीपक प्रजापति, यमुनानगर। देवशयनी एकादशी से एक महीने पहले ही गुरु अस्त होने से मांगलिक कार्य बंद होने जा रहे हैं। 9 जून को अंतिम शादी का मुहुर्त था। इसके बाद 18 नवंबर तक कोई भी शादी का मुहुर्त नहीं है। इस बार भड़लिया नवमी-देवोत्थान एकादशी पर भी शादी के योग नहीं बन रहे हैं।

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    क्योंकि 9 जून को गुरु अस्त होने के कारण जहां भडलिया नवमी पर भी अबूझ शादी के योग नहीं है। वहीं देवोत्थान एकादशी पर त्रिपुस्कर योग शादी के मुहुर्त के योग नहीं बनने दे रहे हैं। इसके अलावा 6 जुलाई से चार महीने के लिए देव सो जाएंगे।

    ब्रह्मांड में हो रहे ग्रह नक्षत्रों के परिवर्तन के साथ बृहस्पति के अस्त होने से इस बार चातुर्मास प्रारंभ होने के लगभग एक महीने पूर्व ही विवाह, गृह प्रवेश, उपनयन, मुंडन संस्कार, सहित समस्त मांगलिक शुभ कार्य बंद हो जाएंगे।

    पूर्णिमा यानी 11 जून से गुरु पश्चिम में विराजेंगे। इसके बाद मांगलिक कार्य के साथ शहनाई की धुन थम जाएगी। सूर्य के दक्षिणायन होने से चातुर्मास शुरू हो जाएगा। इसके बाद अगले पांच महीने तक शहनाई की धुन नहीं गूंजेगी। छह माह बाद यानी नवंबर से मांगलिक कार्य शुरू होंगे।

    भटौली स्थित सिद्ध पीठ शिव मंदिर के पुजारी व ज्योतिषाचार्य पंड़ित जितेंद्र शास्त्री ने बताया कि ग्रहों के राजा सूर्य माने गए हैं और मंत्री गुरु ग्रह हैं। गुरु ग्रह के साक्षी होने पर ही विवाह व मांगलिक कार्य होते हैं। ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि यानी 11 जून की शाम 6:54 बजे गुरु ग्रह पश्चिम दिशा में अस्त होंगे।

    गुरु ग्रह के अस्त होने के साथ सभी मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा। वहीं आषाढ़ शुक्ल पक्ष में छह जुलाई को देवशयनी एकादशी मनाई जाएगी। इसी दिन भगवान श्री हरि विष्णु योग निद्रा में चले जाएंगे। जबकि सूर्य दक्षिणायन हो जाएंगे। इसके साथ ही चातुर्मास भी शुरू हो जाएगा।

    फिर एक नवंबर को देवउठनी एकादशी पर भगवान श्रीहरि विष्णु जागृत होंगे। इसके बाद मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। वैवाहिक लग्न 21 नवंबर से शुरू होंगे जो 15 दिसंबर तक चलेंगे।

    इन मांगलिक कार्यों पर लगेगी रोक

    गुरु के अस्त होने और सूर्य के दक्षिणायन होने से मांगलिक कार्यों पर रोक लगेगी। साथ ही वधु प्रवेश, सगाई, मुंडन, गृह प्रवेश, मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा, यज्ञोपवीत और जनेऊ आदि आयोजनों पर विराम लग जाएंगे।

    इन मांगलिक कार्यां पर नहीं लगेगी रोक

    अब उन कामों के बारे में जानते हैं जो इस दौरान किए जा सकेंगे। जिन लोगों के घर का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है, वे इसे चातुर्मास में जारी रख सकते हैं, हालांकि घर की छत डालने के लिए पंचक काल आदि जरूर देख लें।

    इसके अलावा नए गहने, गाड़ी, घर का रेनोवेशन जैसे कार्य हो सकेंगे। बाकी यह समय भगवान की पूजा-अर्चना करने, तीर्थ यात्रा करने के लिए उत्तम होता है।