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    रूबी 900 रुपये के कागज से तैयार करता था एक लाख के नकली नोट

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Tue, 25 Apr 2017 10:41 AM (IST)

    नकली नोटों के साथ गिरफ्तार रूबी ने बताया कि वह महज 900 रुपये के कागज से एक लाख रुपये के नकली नोट तैयार करता था।

    रूबी 900 रुपये के कागज से तैयार करता था एक लाख के नकली नोट

    जेएनएन, यमुनानगर। नकली नोट के साथ गिरफ्तार कंप्यूटर सेंटर संचालक रूबी सिंह ने पूछताछ में कई अहम खुलासे किए हैं। उसने बताया कि वह महज  900 रुपये के कागज से एक लाख रुपये के नकली नोट तैयार करता था। फिर उन्हें रमेश कुमार उर्फ बिल्लू और अशोक कुमार उर्फ शोकी को मार्केट में चलाने के लिए दे देता था।

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    पूछताछ में रूबी सिंह ने पुलिस को बताया कि एक दिन उसने बाजार से कुछ सामान खरीदा, बड़ा नोट देने पर उसे सौ-सौ के कुछ नोट मिले। बाद में उसे पता चला कि सौ का एक नोट नकली है। इस पर उसे आइडिया आया कि वह खुद भी ऐसे नोट तैयार कर बाजार में चला सकता है। चूंकि रूबी खुद कंप्यूटर में एक्सपर्ट था, इसलिए एक महीने की कड़ी मशक्कत के बाद उसे इसमें कामयाबी हासिल कर ली। उसने सौ रुपये का नोट स्कैन किया और फिर उसका प्रिंट निकालकर बाजार में सामान खरीदने गया। बाजार में नकली नोट चलने से उसका जोश बढ़ गया और वह उत्साह के साथ नकली नोट छापने लगा।

    रमेश व अशोक को मिलाया

    रूबी सिंह नकली नोट छापने का काम बड़े स्तर पर करना चाहता था, इसलिए उसने अपने सेंटर पर काम कर चुके रमेश और अशोक को साथ मिलाया। 10 हजार रुपये के नोट पर रूबी को एक से डेढ़ हजार रुपये कमीशन मिलता था। रूबी सिंह ने बताया कि उसका काम सिर्फ कंप्यूटर से प्रिंट निकाल कर देने का था। इन नोटों की कटिंग रमेश और अशोक ही करते थे।

    पांच सौ के भी छापे थे चार नोट

    रूबी सिंह ने बताया कि वह सौ रुपये के नोट छापकर थक चुका था। इसलिए उसने बड़ा हाथ मारने के लिए 500 रुपये के नकली नोट छापने की योजना बनाई। मगर उसे ऐसा कागज नहीं मिला जो पांच सौ के नए नोट का है। दूसरा दुकानदार भी बड़ा नोट लेते समय उसकी जांच करता है, जबकि एक सौ के नोट पर इतनी जल्दी शक नहीं होता था। रूबी ने 500-500 के सिर्फ चार ही नकली नोट छापे थे। इसके अलावा उसने 50-50 के नकली नोट भी छापे।

    हटा दिया था साइन बोर्ड

    बिलासपुर के शिव चौक पर रूबी ङ्क्षसह करीब आठ साल से कंप्यूटर सेंटर चला रहा था। अब तक तीन सौ से ज्यादा युवाओं को कंप्यूटर की ट्रेनिंग भी दे चुका था। इसकी आड़ में वह सेंटर पर नकली नोट भी तैयार कर रहा था। करीब चार माह से वह नकली नोट तैयार करने में जुटा था। इसके बाद उसने सेंटर का बोर्ड भी उतार दिया था।

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