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    एमआरसी की प्रॉपर्टी व बैंक डिटेल खंगालेगी पुलिस, आरोपित अमित का भी बढ़ा रिमांड

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 14 Feb 2021 08:36 AM (IST)

    जागरण संवाददाता यमुनानगर जगाधरी एसडीएम कार्यालय से वाहनों के फर्जी दस्तावेज तैयार करने क ...और पढ़ें

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    एमआरसी की प्रॉपर्टी व बैंक डिटेल खंगालेगी पुलिस, आरोपित अमित का भी बढ़ा रिमांड

    जागरण संवाददाता, यमुनानगर : जगाधरी एसडीएम कार्यालय से वाहनों के फर्जी दस्तावेज तैयार करने के मामले में गिरफ्तार एमआरसी (मोटर व्हीकल क्लर्क) राजेंद्र डांगी एसआइटी के रिमांड पर हैं। उससे पूछताछ की जा रही है। एसआइटी राजेंद्र की प्रॉपर्टी व बैंक डिटेल भी खंगालेगी। जिससे इस फर्जीवाड़े की तह तक पहुंचा जा सके। उससे अभी तक की पूछताछ में यही सामने आया है कि दस्तावेज तैयार कराने के नाम पर आनलाइन ट्रांजेक्शन कंप्यूटर आपरेटर अमित ही करता था। वह सिरसा सीआइए की रिमांड पर है। शनिवार को उसे सिरसा पुलिस ने कोर्ट में पेश किया। जहां से सात दिन का रिमांड मांगा गया था। आरोपित अमित के अधिवक्ता अमनदीप सिंह ने बताया कि अमित का पांच दिन का रिमांड पुलिस ने लिया है। उधर, एसआइटी के सदस्य इंस्पेक्टर राकेश मटोरिया का कहना है कि राजेंद्र से पूछताछ की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

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    एमआरसी राजेंद्र की गिरफ्तारी के बाद एसआइटी (स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम) सिरसा भी पहुंची थी। वहां अमित से भी पूछताछ की गई। इस बीच सिरसा पुलिस ने अमित की निशानदेही पर वाहनों के फर्जी दस्तावेज तैयार करने के नाम पर लिए गए करीब 22 लाख रुपये भी बरामद किए हैं। इनमें से करीब दस लाख रुपये उसके घर से और कुछ उसके दोस्तों के पास से बरामद करने का दावा किया जा रहा है।

    डीलरों की भी मिलीभगत

    वाहनों के फर्जी दस्तावेज कराने में कुछ डीलरों की भी भूमिका सामने आ रही है। सिरसा पुलिस ने सरस्वतीनगर से भी पांच गाड़ियां बरामद की थी। बताया जा रहा है कि जितनी भी गाड़ियां सिरसा पुलिस ने बरामद की। उनमें से अधिकतर डीलरों के माध्यम से बेची गई थी। वहीं स्थानीय एसआइटी ने ई-दिशा केंद्र में कार्य करने वाले कर्मियों पर शिकंजा कस दिया है। उनसे भी पूछताछ की जा रही है। वाहनों के दस्तावेजों को तैयार करने, शपथ पत्र देने से लेकर वाहन खरीदने व बेचने वालों से भी एसआइटी पूछताछ की तैयारी में है। यह था मामला :

    सिरसा पुलिस ने वाहनों के फर्जी दस्तावेज तैयार करने के आरोप में रोहतक निवासी सुनील चिटकारा को पकड़ा। उससे पूछताछ के बाद सामने आया कि इस पूरे फर्जीवाड़े के तार जगाधरी के ई दिशा केंद्र से जुड़े हैं। यहां पर तैनात कंप्यूटर आपरेटर अमित कुमार व एमआरसी राजेंद्र डांगी ही वाहनों के फर्जी दस्तावेज तैयार करते थे। आठ फरवरी को आरोपित अमित कुमार ने सिरसा कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। मामला उजागर होने पर जगाधरी एसडीएम दर्शन कुमार की शिकायत पर कंप्यूटर आपरेटर अमित सहित शुभम, कुनाल व गगनदीप पर केस दर्ज हुआ। जबकि बिलासपुर में एमआरसी संजीव कुमार ने अमित पर केस दर्ज कराया है।