शिक्षा का दीपक जला रही कविता, 45 वंचित बच्चों को शिक्षित करने का उठाए हुए है बीडा
लाला कैलाशचंद्र चेरिटेबल ट्रस्ट सेवा भारती पौढ़ शिक्षा व बाल संस्कार केंद्र में वंचित बच्चों के जीवन में उजाला भरने का काम किया जा रहा है। यमुना गल ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, यमुनानगर: लाला कैलाशचंद्र चेरिटेबल ट्रस्ट सेवा भारती पौढ़ शिक्षा व बाल संस्कार केंद्र में वंचित बच्चों के जीवन में उजाला भरने का काम किया जा रहा है। यमुना गली में इन दिनों 45 बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कारवान बनाया जा रहा है। साथ ही लड़कियों को सिलाई व कढ़ाई के काम में माहिर किया जा रहा है, ताकि भविष्य में वह अपना रोजगार कर पैरों पर खड़ा हो सके। बच्चों में संस्कार भरने के लिए प्रतिदिन गायत्री मंत्र का गायन किया जाता है। इसका अर्थ भी समझाया जाता है। उन्हें बड़ों का आदर करना तथा छोटों से प्यार करना सिखाया जाता है।
शिक्षिका कविता कश्यप का कहना है कि वह आठ वर्षों इस सेवा में लगी है। झुग्गी- झोपड़ी में रहने वाले बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दी जाती है। उन्हें अच्छे संस्कार दिए जाते हैं। साथ ही सफ़ाई का महत्त्व बताया जाता है। यहां किशोर-किशोरियों के लिए सिलाई व कंप्यूटर की शिक्षा दी जा रही है। इसमें तुषार सहयोग देते हैं। भवन लाला कैलाशचंद्र की ओर सेवा भारती को इस परोपकार के कार्य के लिए दिया गया है। इसकी देखरेख एवं रखरखाव व काम करने वाले अध्यापकों के मानधन की जिम्मेदारी समाजसेवी व सेवानिवृत्त अनिल शर्मा उठाते हैं। अपने पूर्व छात्रों की सहायता से इस सेवा में जुटे हुए है। समय-समय पर बच्चों और अध्यापकों को आसपास के स्थानों पर भ्रमण के लिए भी ले जाते हैं। बच्चों के बौद्धिक विकास के लिए तरह-तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाता है। कोरोना काल में भी समाज सेवा की
कविता ने बताया कि कारोना काल में भी सब ने मिलकर एक टीम की तरह काम किया। उनके पति एक दर्•ाी है। उन्होंने भी बच्चों व उनके माता-पिता के लिए बहुत से मास्क दिए। नवीन त्यागी, विनोद शर्मा भी बच्चों का सहयोग करते हैं।

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