कोरोना की मार झेल रहे प्लाईवुड उद्योग को बजट से विशेष पैकेज की आस
जागरण संवाददाता यमुनानगर कोरोना वायरस से टूट चुके जिले के प्लाईवुड उद्योग को बजट में

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : कोरोना वायरस से टूट चुके जिले के प्लाईवुड उद्योग को बजट में विशेष राहत पैकेज की आस है। क्योंकि कोरोना काल में उद्योग को बड़ा झटका लगा है। ऐसी औद्योगिक इकाइयों की संख्या कम नहीं हैं जो यह मार झेल नहीं पाई। जिला में प्लाईवुड की 400 से अधिक औद्योगिक इकाइयां हैं। एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिल रहा है। व्यवसायियों का कहना है कि उद्योग को मंदी से उभारने के लिए राहत पैकेज की जरूरी है। एक से सवा लाख क्विटल लकड़ी की हर दिन खपत है। यहां तैयार प्लाईबोर्ड देश के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ नेपाल, श्रीलंका व बांग्लादेश भी सप्लाई हो रहा है। प्रदेश के विभिन्न जिलों, पंजाब व उप्र से पापुलर व सफेदा की लकड़ी यहां की मंडी में पहुंच रही है। मंडी टैक्स हो माफ तो बने बात
प्लाईवुड व्यवसायी अजय मानिकटाहला का कहना है कि मंडी फीस व जीएसटी में कटौती और सस्ती दर पर बिजली मुहैया कराना इनके लिए बड़ी राहत होगी। दो फीसद मंडी फीस दी जा रही है जबकि 18 फीसद जीएसटी है। सरकार से मांग है कि मंडी फीस माफ की जाए और जीएसटी घटाकर 12 फीसद की जाए। वैसे तो पांच फीसद तक की मांग की जा रही है, लेकिन 12 फीसद भी हो तो व्यवसाय को गति मिल सकती है। उप्र व पंजाब में मंडी फीस नहीं है। वहां बिजली भी सस्ती है। यह मांग भी पूरी सरकार
ऑल इंडिया प्लाईवुड एसोसिएशन के प्रधान देवेंद्र चावला का कहना है कि प्लाईवुड इंडस्ट्री पर काफी समय से संकट चल रहा है। उनके मुताबिक इनकम टैक्स में छूट दी जानी जरूरी है। प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों से 22 फीसद इनकम टैक्स लिया जाता है जबकि प्लाईवुड जैसे छोटे उद्योगपतियों से 30 फीसद लिया जा रहा है। इसके अलावा नई स्टार्ट अप यूनिटों से भी 15 फीसद ही लिया जा रहा है। छोटे उद्योगपतियों से 15-22 फीसद इनकम टैक्स लिया जाए। ट्रांसपोर्टेशन में छूट मिले और पीएफ शेयर में संशोधन हो। लंबे समय से व्यवसायियों की यह मांग चली आ रही है। उम्मीद है इस बार पूरी होगी।
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