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    यमुनानगर में उल्कापिंड का टुकड़ा गिरने से सनसनी, कार क्षतिग्रस्‍त

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Wed, 14 Dec 2016 08:49 PM (IST)

    यमुनानगर के एक गांव में उल्‍का पिंड का टुकड़ा गिरने से लाेग हैरान हैं। उल्‍का पिंडा का बेहद छोटा चमकीला टुकड़ा एक कार पर धमाके से गिरा। इससे कार का शीशा टूट गया।

    जेएनएन, यमुनानगर। जिले के गांव सुढल में आसमान से उल्का पिंड का टुकड़ा गिरने से लोग ताजुब्ब में रह गए। गांव में मंगलवार देर रात एक चमकीला पत्थर का टुकड़ा गिरा। यह धमाके के साथ एक कार पर गिरा और इससे कार का शीशा टूट गया। जब पत्थर गिरा तो वह चमक रहा था लेकिन सुबह होते-होते उसका रंग काला पड़ गया।

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    गांव सुढल निवासी रवि ने बताया कि मंगलवार रात करीब नौ बजे वह घर के बाहर बैठक के कमरे में अपने दोस्त सूबे सिंह, नरेंद्र व संजीव के साथ बैठा था। तभी उन्होंने आसमान से एक टूटता हुआ तारा देखा। जब तारा नीचे आ रहा था तो वह चमक रहा था। लेकिन बीच रास्ते में ही वह चमकना बंद हो गया। तभी उन्होंने अपने घर में एक जोरदार धमाके की आवाज सुनी। दौड़ते हुए वहां घर पहुंचे।

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    उसकी भाभी पूनम ने बताया कि धमाके के साथ घर आंगन में खड़ी कार का शीशा टूट गया है। उन्होंने देखा की कार के पास ही पड़ा एक छोटा सा पत्थर का टुकड़ा चमक रहा था। आसपास के लोग भी धमाके की आवाज सुनकर वहां पहुंचे।

    कार पर गिरा उल्कापिंड का टुकड़ा।

    रवि ने बताया कि जैसे-जैसे समय बीतता गया पत्थर का रंग काला हो गया। उन्होंने बताया कि जिस पत्थर से कार का शीशा टूटा है उसका वजन महज 10 ग्राम है। उन्होंने एक दुकान पर पत्थर का वजन कराया। लोग हैरान हैं कि महज10 ग्राम के पत्थर के टुकड़े से आखिर शीशा कैसे टूट गया।

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    उल्कापिंड हो सकता है : दर्शन बावेजा

    साइंस टीचर दर्शन बावेजा का कहना है जो पत्थर रवि के घर में गिरा है वह उल्कापिंड हो सकता है। उल्का पिंड का व्यास एक पत्थर के टुकड़े से लेकर एक किलोमीटर तक होता है। आकाश में ये अपना रास्ता भटक जाते हैं। जब ये पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते हैं तो हवा के घर्षण से जल जाते हैं। तभी ये आकाश में चमकते हुए दिखाई देते हैं।