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    कपालमोचन सरोवर जाने वाला रास्ता नहीं कराया दुरुस्त

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 04 Nov 2019 07:40 AM (IST)

    कपालमोचन मेले की तैयारियों को अंतिम रूप में देने में मेला प्रशासक लगा है। कपालमोचन सरोवर के समीप जाने वाले रास्ते को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। परशुराम धर्मशाला से कपालमोचन सरोवर के घाट पर चढ़ने वाली सीढि़यों की हालत खस्ता बनी हुई है। सीढि़यों की केवल सफाई कराई गई है मरम्मत की अेार किसी का ध्यान नही गया है।

    कपालमोचन सरोवर जाने वाला रास्ता नहीं कराया दुरुस्त

    संवाद सहयोगी, बिलासपुर : कपालमोचन मेले की तैयारियों को अंतिम रूप में देने में मेला प्रशासक लगा है। कपालमोचन सरोवर के समीप जाने वाले रास्ते को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। परशुराम धर्मशाला से कपालमोचन सरोवर के घाट पर चढ़ने वाली सीढि़यों की हालत खस्ता बनी हुई है। सीढि़यों की केवल सफाई कराई गई है मरम्मत की अेार किसी का ध्यान नही गया है।

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    सरोवर के घाट के समीप से मछरौली रोड पर निकलने वाला रास्ता खराब हालत में है। जो कि मेले के दौरान परेशानी पैदा कर सकता है। कपाल मोचन मेले के तैयारी को लेकर मंदिरों, सरोवरों व घाटों की आंतरिक सज्जा की ओर ध्यान दिया जा है, जबकि बाहरी सजावट को लेकर अभी तक कोई कार्य शुरू भी नहीं किए गए है।

    गो बच्छा घाट के समीप पश्चिम की ओर सरोवर की रेलिग टूटी हुई है। सरोवर में पानी भरने का काम साठ प्रतिशत से अधिक हो गया है, लेकिन टूटी हुई रेलिग की ओर से किसी का ध्यान नही गया है जो कि हादसे का कारण बन सकती है। सरोवर में पानी भरने के बाद रेलिग को ठीक करना भी कठिन है। गऊ बच्छा मंदिर के सरोवर की ओर की दीवार की रंगाई नहीं की गई है। वही मंदिर के बाहरी दीवारों पर लिपाई पुताई का कार्य अभी बाकी है। मेला अधिकारी नरेंद्र सिंह ने बताया कि सरोवर के समीप जाने वाले रास्ते को बंद करवा दिया जाएगा, ताकि उस रास्ते से श्रद्धालुओं की आवाजाही कम हो। इसके साथ साथ जो भी कही कमी है उसे मेला शुरू होने से पूर्व दूर कर दिया जाएगा श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं आने दी जाएगी।

    नल लगाने की मांग

    मेला शुरू होने से पूर्व मेले में दुकान लगाने के लिए दुकानदारों,लंगर लगाने के लिए श्रद्धालुओं, प्रशासनिक कार्यालय तैयार करने के लिए दर्जनों कर्मचारी मेला क्षेत्र में कार्य पर लगे हुए है, लेकिन जन स्वास्थ्य विभाग की ओर से पीने के पानी के लिए लगाए गए स्टैंड पर नल नहीं लगाए गए है जिसके कारण भारी परेशानी आ रही है। पंजाब के मोगा से दुकान लगाने आए हरजीत सिंह ने बताया कि वह अपने परिवार के चार लोगों के साथ दुकान लगाने के लिए मेला शुरू होने से पूर्व आ गए है, लेकिन पानी के लिए पूरा मेला क्षेत्र में तीन नल लगाए हुए, बाकी स्टैंड पर अभी तक नल नहीं लगाए है, जिसके कारण पीने के पानी व खाना बनाने के लिए पानी की दिक्कत आ रही है, उन्होंने प्रशासन से मांग की मेला शुरू होने से पूर्व पीने के पानी के स्टैंड पर एक एक नल को मेला शुरू होने से पूर्व लगवाया जाए।

    बिलासपुर-जगाधरी मार्ग का पुनर्निर्माण कार्य बना खतरा

    बिलासपुर-जगाधरी मार्ग के पुन निर्माण का कार्य मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए खतरा बन सकता है। मार्ग को दाई ओर से दो से तीन फुट गहरा व चार फुट चौड़ा खोदने से मार्ग पर चलने वाले दो पहिया वाहन से लेकर बस ट्रक व डंपर को भारी परेशानी आ रही है। सड़क के निर्माण को बन गड्ढों को सड़क के समतल कराने को लेकर परिवहन निगम के जीएम ने भी मेले की मीटिग में चिता व्यक्त कर संबधित विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया था। तीन दिनों में मार्ग पर दो बडे डंपर पलट गए है। मेले के दौरान बिलासपुर जगाधरी मार्ग पर वाहनों की आवाजाही तीन से चार गुणा बढ़ जाएगी ऐसी स्थिति में खतरे की आशंका बनी रहती है।

    मार्ग दुरुस्त कराने की मांग

    कपालमोचन सरोवर के किनारे से मछरौली मार्ग को जाने वाले रास्ते के क्षतिग्रस्त होने से श्रद्धालुओं को परेशानी आ सकती है। पिछले वर्ष मेला प्रशासक की ओर से मार्ग को रेलिग लगा कर बंद करवा दिया गया था। सरोवर के घाट से सड़क तक जाने के लिए पुलिया के पास स्लैब रखी हुई है, जिनके कभी भी पलट जाने का खतरा रहता है। मार्ग पर श्रद्धालुओं के आवागमन कर दबाव अधिक होने से दुर्घटना होने का भय बना रहता है।