रेफर के चक्कर में वृद्धा की मौत, चिकित्सकों पर लापरवाही के आरोप
सरकारी अस्पतालों में व्यवस्था बदहाल होती जा रही है।

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
सरकारी अस्पतालों में व्यवस्था बदहाल होती जा रही है। चौधरी कालोनी से 63 वर्षीय वृद्धा की मौत हो गई। स्वजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया। चौधरी कालोनी निवासी मदन ने आरोप लगाया है कि उनकी मां को सांस लेने में परेशानी हो रही थी। जिस पर दो दिन पूर्व अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालत में सुधार नहीं हुआ। जिस पर चिकित्सकों ने उसे ईएसआइ अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। यहां अस्पताल के गेट पर पहुंचते ही मां की मौत हो गई। रिपोर्ट भी नेगेटिव आई थी, लेकिन कर्मियों ने शव को पॉजिटिव बताकर नहीं दिया।
मृतका के बेटे का आरोप है कि ट्रामा सेंटर के कोविड वार्ड को जब वापस जाकर देखा तो वहां से सभी मरीजों को शिफ्ट किया जा रहा था, क्योंकि वहां पर आइसीयू वार्ड बनाना था। जब मरीज की हालत गंभीर थी, तो चिकित्सकों ने पास के ईएसआइ अस्पताल में रेफर क्यों किया। इस लापरवाही की वजह से ही उनकी मौत हुई है। मां की मौत के बाद मेडिकल आफिसर की स्टांप लगी पर्ची उन्हें दी गई। जिस पर कोविड टेस्ट के सेंपल रिपोर्ट नेगेटिव आने पर शव ले जाने की बात लिखी थी। जब सिविल अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे, तो वहां पर शव नहीं दिया गया। कर्मियों ने कह दिया कि कोविड पॉजिटिव होने की वजह से शव नहीं दिया जा सकता। काफी देर तक वह चक्कर काटते रहे। वहीं प्रधान मेडिकल आफिसर डा. सुनील कुमार का कहना है कि यह गलत आरोप हैं। अधिकतर मरीज पॉजिटिव आ रहे हैं। शव का संस्कार कोरोना गाइडलाइन के तहत कराया गया। मरीज को कोविड पॉजिटिव होने और हालत गंभीर होने पर ही ईएसआई अस्पताल के लिए रेफर किया गया था।

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