पांच माह से तनख्वाह नहीं, अब सौंपी पीपीपी की वेरिफिकेशन, विरोध में उतरी आंगनबाड़ी सुपरवाइजर
आंगनबाड़ी केंद्रों की नियमित जांच के साथ अब आंगनबाड़ी सुपरवाइजर को परिवार पहचान पत्र में आय की वेरिफिकेशन का काम भी सौंपा गया है। सुपरवाइजर्स एसोसिएशन ने इसे तुगलकी फरमान करार दिया है। आरोप है कि उनको चार-पांच माह से सैलरी नहीं मिली है। बावजूद इसके नियमित रूप से सेवाएं दे रही हैं।

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : आंगनबाड़ी केंद्रों की नियमित जांच के साथ अब आंगनबाड़ी सुपरवाइजर को परिवार पहचान पत्र में आय की वेरिफिकेशन का काम भी सौंपा गया है। सुपरवाइजर्स एसोसिएशन ने इसे तुगलकी फरमान करार दिया है। आरोप है कि उनको चार-पांच माह से सैलरी नहीं मिली है। बावजूद इसके नियमित रूप से सेवाएं दे रही हैं। उनके पास आंगनबाड़ी केंद्रों के नियमित निरीक्षण के साथ-साथ अन्य कार्यों की जिम्मेदारी भी है। ऐसे में वे पीपीपी की वेरिफिकेशन का काम करने में असमर्थ हैं। विरोधस्वरूप आज महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यक्रम अधिकारी को ज्ञापन सौंपा जाएगा। सैलरी न मिलने से झेल रही आर्थिक तंगी :
आंगनबाड़ी सुपरवाइजर को नियमित रूप से सैलरी नहीं मिल रही है। हालात ये हैं कि साल में तीन या चार बार सैलरी मिलती है। मतलब हर माह सैलरी न मिलकर तीन-चार माह के अंतराल पर मिलती है। इस बार तो हद हो गई। कई सर्कलों में वर्ष-2022 में अब एक माह की सैलरी ही नहीं मिली है। कहीं फरवरी के बाद से सैलरी का इंतजार है। ऐसे में सुपरवाइजर आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रही हैं। ऐसी कर्मचारियों की संख्या कम नहीं है जो पूरी तरह सैलरी पर निर्भर हैं। आमदनी का अन्य कोई साधन नहीं है। ऐसे कर्मचारियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उच्चाधिकारियों को करवा चुके अवगत :
सैलरी न मिलने से परेशान सुपरवाइजर विभाग के उच्चाधिकारियों को अवगत करवा चुके हैं। बार-बार यही आश्वासन मिलता है कि जल्दी ही बजट आ जाएगा। सुनते-सुनते पांच माह बीत चुके हैं। जिले में 38 सुपरवाइजर विभाग में सेवाएं दे रही हैं। ड्यूटी के दौरान उनको आंगनबाड़ी केंद्रों का नियमित रूप से निरीक्षण करना पड़ता है। अन्य दैनिक खर्चे हैं। साथ ही बच्चों की फीस आदि भी भरनी होती है। लेकिन सैलरी न मिलने के कारण उधार लेकर गुजारा करना पड़ रहा है। अब वेरिफिकेशन का काम सौंपा :
आंगनबाड़ी सुपरवाइजर्स एसोसिएशन की जिला प्रधान चंद्रलेखा ने बताया कि विभागीय कार्यों के साथ-साथ उनको परिवार पहचान पत्र में आमदनी वेरिफिकेशन का काम भी सौंपा जा रहा है। इसको करने में वह असमर्थ हैं। क्योंकि विभाग से संबंधित काम बहुत है। यदि वह वेरिफिकेशन के काम करेंगी तो विभाग से संबंधित काम प्रभावित होगा। विभाग की मंत्री कमलेश ढांडा लगातार आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण कर रही हैं। आंगनबाड़ी सुपरवाइजर को सस्पेंड भी कर चुकी हैं। सुपरवाइजर पर पहले से ही काम का दबाव है। ऐसे में वह वेरिफिकेशन का काम करने में असमर्थ हैं। इस संबंध में सोमवार को कार्यक्रम अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजा जाएगा।
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