कर्मचारी हुए हाईटेक... अब डाकिया डाक ही नहीं, बैंक सेवाएं; आधार कार्ड व दवाइयां भी पहुंचा रहे घर
यमुनानगर में राष्ट्रीय डाक कर्मचारी दिवस मनाया गया। डाक विभाग के कर्मचारी हर परिस्थिति में पत्र और पार्सल पहुंचाते हैं। आधुनिक युग में वे डिजिटल सेवाओं के साथ-साथ आधार कार्ड पैन कार्ड और बैंक सेवाएं भी प्रदान कर रहे हैं। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के माध्यम से वे चलते-फिरते एटीएम के रूप में कार्य कर रहे हैं और घर-घर जाकर आधार सेवाएं भी दे रहे हैं।
दीपक प्रजापति, यमुनानगर। 1 जुलाई को राष्ट्रीय डाक कर्मचारी दिवस है। यह दिन याद दिलाता है कि डाक विभाग से जुड़े लोगों का हमारे जीवन में कितना बड़ा योगदान है। परिस्थिति कैसी भी हो जरूरी पत्र और पार्सल पहुंचाते हैं। यानी हमारी सहायता के लिए हर परिस्थिति में तैयार रहते हैं। विश्व भर में डाक सेवाओं में आमूल चूल परिवर्तन आये हैं। फिजिकल मेल से डिजिटल मेल के इस दौर में डाक सेवाओं में विविधता के साथ कई नए आयाम जुड़े हैं।
डाककर्मी सरकारों और आमजन के बीच सेवाओं को प्रदान करने वाले एक अहम कड़ी के रूप में उभरे हैं। ऐसे में आज पूरी दुनिया में राष्ट्रीय डाक कर्मचारी दिवस के दिन डाक कर्मियों का आभार व्यक्त करने का प्रचलन उभरा है। यमुनानगर के मुख्य डाकघर के पोस्टमास्टर सुरेंद्र कांबोज ने बताया कि ने बताया कि डाक कर्मियों की भूमिका में तमाम परिवर्तन आए हैं।
डाकिया डाक लाया के साथ डाकिया बैंक लाया भी अब उतना ही महत्वपूर्ण है। पत्रों व पार्सल के साथ-साथ आधुनिक दौर में लोगों के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण चीजें पोस्टमैन ही घर-घर वितरित करता है। अब डाक बांटने वाले डाकिया के साथ ही डाक विभाग में काम करने वाले कर्मचारी भी पूरी तरह से डिजिटल हो चुके हैं। पहले जो काम घंटों में होता था वहीं काम अब डिजीटल हुए कर्मचारी चंद सैकेंड़ों में कर देते हैं।
यह सामान पहुंचा रहे घरों में डाकियां
आधार कार्ड, पासपोर्ट, पैन कार्ड, वोटर आइडी, ड्राइविंग लाइसेंस, बैंक चेक बुक, एटीएम, वाहन रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ-साथ विभिन्न मंदिरों के प्रसाद, गंगाजल, दवाईयां और रक्षाबंधन पर्व पर राखियां भी डाकियों द्वारा ही पहुंचाया जा रहा है।
एंड्रायड बेस्ड स्मार्ट फोन से लैस हैं डाक कर्मचारी
ई-कामर्स को बढ़ावा देने के लिए कैश आन डिलीवरी, लेटर बाक्स से नियमित डाक निकालने के लिए मोबाईल एप एवं डाकियों द्वारा एंड्रायड बेस्ड स्मार्ट फोन आधारित डिलीवरी और वित्तीय सेवाएं प्रदान करना जैसे तमाम कदम डाक विभाग की अभिनव पहल है।
चलते फिरते एटीएम डाकियां
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के माध्यम से आर्थिक और सामाजिक समावेशन के तहत पोस्टमैन चलते-फिरते एटीएम के रूप में नई भूमिका निभा रहे हैं और जन सुरक्षा योजनाओं से लेकर आधार, डीबीटी, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, ई-श्रम कार्ड, वाहन बीमा, डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट तक की सुविधा प्रदान कर रहे हैं।
घर-घर जाकर आइपीपीबी के अंतर्गत डाकियों द्वारा घर बैठे 5 वर्ष तक के बच्चों का आधार बनाने, आधार में मोबाइल नंबर अपडेट करने के कार्य किए जा रहे हैं। आज भी डाककर्मी जाड़ा, गर्मी, बरसात की परवाह किये बिना सुदूर क्षेत्रों तक डाक सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
डाक विभाग का सबसे मुखर चेहरा डाकिया है। डाकिया की पहचान चिट्ठी-पत्री और मनीआर्डर बांटने वाली रही है, पर अब डाकिए के हाथ में स्मार्ट फोन और बैग में डिजिटल डिवाइस भी है। इसके साथ ही पोस्ट आफिस में काम करने वाले कर्मचारी अब पूरी तरह से हाइटेक हो गए हैं। पिछले 20 सालों में डाक विभाग में काफी हाइटेक बदलाव हुए हैं।
सुरेंद्र कांबोज, पोस्टमास्टर मुख्य डाकघर यमुनानगर।
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