आंगनबाड़ी केंद्रों पर दूध से बनेगी नौनिहालों की सेहत, दिया जाएगा मिल्क पाउडर
महिला एवं बाल विकास विभाग ने लाभार्थियों का ब्यौरा मांगा है। सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अपने-अपने क्षेत्र में आने वाले लाभार्थियों का विवरण देना होग ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए अब आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से फोर्टिफाइड स्कीम्ड मिल्क पाउडर (सूखा दूध) उपलब्ध कराया जाएगा। छह वर्ष तक के बच्चों के साथ-साथ गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाएं योजना के दायरे में हैं। इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग ने लाभार्थियों का ब्योरा मांगा है। सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अपने-अपने क्षेत्र में आने वाले लाभार्थियों का विवरण देना होगा। बताया जा रहा है कि वीटा के माध्यम से सीधे लाभार्थी को ही मिल्क पाउडर की सप्लाई होगी और प्रति लाभार्थी 20 ग्राम पाउडर दिया जाएगा। सप्लाई में होगी आसानी
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि फोर्टिफाइड स्कीम्ड मिल्क पाउडर आसानी से लाभार्थियों को वितरित किया जा सकेगा। इससे पौष्टिक दूध तैयार होगा जो प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों की आपूर्ति करेगा। गर्भावस्था में मां व बच्चे दोनों के लिए दूध फायदेमंद माना जाता है। प्रोटीन की कमी के कारण जन्म के समय शिशु का वजन कम होने का खतरा रहता है। रक्त की आपूर्ति में सुधार लाता है और शिशु को पोषण देता है। हालांकि स्कूलों में पहले से ही बच्चों को दूध दिया जा रहा है, लेकिन अब आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से दूध नौनिहालों तक पहुंचेगा। जिले में 1281 आंगनबाड़ी केंद्र
जानकारी के मुताबिक जिले में कुल 1281 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इन केंद्रों पर छह वर्ष तक के बच्चों, दूध पिलाने वाली, गर्भवती महिलाओं व किशोरियों को पोषाहार उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें मीठा दलिया, आलू पूरी, मीठा चावल, मीठा गुलगुला, भरवां पराठास और नमकीन चावल शामिल है। इसके लिए अलग-अलग दिन निर्धारित हैं। कोरोना वायरस से बचाव के चलते इन दिनों आंगनबाड़ी केंद्र बंद हैं, लेकिन कार्यकर्ताओं लाभार्थियों को निर्धारित मात्रा अनुसार उनके घर पर पोषाहार उपलब्ध करवा रही हैं। छह वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती व दूध पिलाने वाली महिलाओं को फोर्टिफाइड स्कीम्ड मिल्क पाउडर दिए जाने की योजना उपरी स्तर पर चल रही है। फिलहाल उच्चाधिकारियों ने फोन नंबर सहित लाभार्थियों का विवरण मांगा है।
रेणू चावला, पीओ (कार्यवाहक) महिला एवं बाल विकास विभाग।

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