गजब! किसी और के खेत में लगे पेड़ को अपना बता 33 लाख में बेचा; लकड़ी काटने पहुंचे तो हुआ खुलासा
हरियाणा के यमुनानगर जिले में एक व्यक्ति को लकड़ी बेचने के नाम पर 18 लाख रुपये की ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपी ने पीड़ितों को सहारनपुर में अपनी जमीन पर लगे पेड़ दिखाकर ठगी को अंजाम दिया था। हालांकि जब पीड़ित पेड़ काटने गए तो उन्हें पता चला कि पेड़ किसी और व्यक्ति के हैं।

जागरण संवाददाता, यमुनानगर। हरियाणा के यमुनानगर जिले के डारपुर गांव निवासी आलीम, ताहरपुर कलां निवासी रमजान और कोट निवासी सालिम को लकड़ी बेचने के नाम पर 18 लाख रुपये ठगने के मामले में एक आरोपित को गिरफ्तार किया है।
आरोपित उत्तर प्रदेश के जिला सहारनपुर के तलफरा गांव का निवासी नीरज है। वर्ष 2022 में उस पर छछरौली थाना पुलिस ने केस दर्ज किया था।
क्या है पूरा मामला?
पुलिस शिकायत के अनुसार सालिम, आलीम और रमजान लकड़ी खरीद-बेच का काम करते हैं। इस दौरान ईसरपुर निवासी संजीव कुमार, कलानौर निवासी यासीन ने उन्हें नीरज से मिलवाया था।
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आरोपी ने उनसे कहा था कि उसकी सहारनपुर के गांव मीयानगी में 55 बीघे जमीन में काफी सारे पोपलर के पेड़ लगे हुए हैं। आरोपित ने इससे संबंधित खतौनी भी दिखाई थी।
यहां पर 900 पेड़ कटाई के लिए तैयार हो चुके थे। आरोपी के बातों में आकर पीड़ितों ने इन पेड़ों की कटाई का सौदा 33 लाख रुपये में कर लिए। जिसके बाद आरोपी ने 18 लाख रुपये एडवांस की डिमांड की, जो उसे दे दिए गए।
पेड़ काटने गए तो हुआ खुलासा
इसके बाद असली खेल का खुलासा तब हुआ, जब पीड़ित पेड़ काटने गए। दरअसल, जब पीड़ित मियानगी गांव में पेड़ काटने के लिए पहुंचे, तब उन्हें एक अन्य व्यक्ति ने पेड़ काटने से रोक दिया।
तब पता लगा कि यह पेड़ नीरज के नहीं बल्कि पेड़ काटने से रोकने वाले व्यक्ति के हैं। आरोपित नीरज का इससे कोई लेना-देना नहीं है। उसने धोखाधड़ी की है। जब उससे रुपये वापस मांगे तो वह टाल-मटोल करने लगा था।
भैंस खरीद के नाम पर ठगी
वहीं, एक दूसरे खबर की बात करें तो झज्जर में माछरौली क्षेत्र के गांव कोन्द्रावाली में रहने वाले पशुपालक के साथ भैंस खरीद के नाम पर हजारों रुपये ट्रांसफर करवाए जाने का मामला सामने आया है। दी गई शिकायत में अशोक कुमार ने बताया कि उन्होंने जयपुर के अरावली डेरी फार्म में एक भैंस ऑनलाइन बुक करवाई थी।
कंपनी के स्तर पर बताई गई डिटेल के हिसाब से पहले 11 हजार 750 रुपये अग्रिम भुगतान के लिए ट्रांसफर किए गए। इसके बाद उनके साथ भैंस की डिलीवरी सहित अन्य खर्च के लिए 25 हजार 500 रुपये पुन: डलवाए गए।
आरोप है कि इस राशि के डाले जाने के बाद पशुपालक को 25 हजार अलग और 500 रुपये अलग, से डाले जाने के लिए बोला गया। जिससे अशोक कुमार को खुद के साथ ठगी होने की आशंका हुईं। अशोक के मुताबिक उसे ना तो भैंस भेजी गई है और ना भुगतान वापिस किया गया। बहरहाल, दर्ज हुए मामले में पुलिस ने जांच प्रारंभ कर दी है।
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