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    Yamunanagar News: यमुना नदी की धारा बाधित कर धड़ल्ले से हो रहा अवैध खनन, आंखे मूंद सो रहा स्थानीय प्रशासन

    By Sanjeev kumarEdited By: Deepak Saxena
    Updated: Mon, 23 Oct 2023 09:45 PM (IST)

    यमुना नदी की धारा को तीन बार बाधित करने का मामला सामने आया है। खनन माफिया यमुना की प्राकृतिक धारा को रोककर मोड़ रहे हैं। एडवोकेट वरयाम सिंह ने सीएम मनोहर लाल को पत्र लिख आरोप लगाए हैं कि यमुना नदीं के नगली घाट पर दो राज्यों को जोड़ने वाले 84 करोड़ के बजट से निर्माणाधीन पुल के आसपास खनन किया जा रहा है।

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    यमुना नदी की धारा बाधित कर धड़ल्ले से हो रहा अवैध खनन।

    जागरण संवाददाता, यमुनानगर। खनन एजेंसियों को शायद न एनजीटी के नियमों की परवाह है और न ही प्रशासनिक अधिकारियों का डर। क्योंकि यदि ऐसा होता तो नियमों को ताक पर रखकर बार-बार यमुना नदी की धारा को बाधित न किया जाता। जठलाना-गुमथला क्षेत्र में सरेआम ऐसा हो रहा है।

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    अवैध खनन को लेकर न्यायालय में जनहित याचिका डाल चुके एडवोकेट वरयाम सिंह ने इसकी शिकायत सीएम मनोहर लाल, डीसी कैप्टन मनोज कुमार व एसपी गंगाराम पुनिया को भेजी है। उनका आरोप है कि यमुना नदी के नगली घाट पर दो राज्यों को जोड़ने वाले 84 करोड़ के बजट से निर्माणाधीन पुल के आसपास भी धड़ल्ले से अवैध खनन किया जाता है।

    उनका आरोप है कि इससे पुल को भारी नुकसान हो सकता है। पहले ही पुल के गाइड बंध टूट चुके हैं। यह भी आरोप लगाया कि अधिकारियों मिलीभगत से यमुना की प्राकृतिक धारा रोकी व मोड़ी जा रही है। हाईकोर्ट में भी इसके सबूत पेश किए जाएंगे।

    एक ही लाइन में तीन बार यमुना बाधित

    एक ही लाइन में तीन बार यमुना नदी की धारा बाधित है। संबंधित फोटो इंटरनेट मीडिया पर भी वायरल हो रही हैं। शिकायतकर्ता एडवोकेट वरयाम सिंह का आरोप है कि शिकायत किए जाने के बाद सिंचाई व खनन विभाग के अधिकारी मौका जरूर करते हैं, लेकिन वास्तविक रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को पेश नहीं की जाती। जिसके चलते उच्चाधिकारी वास्तविक स्थिति से अनभिज्ञ रह जाते हैं। इसके अलावा खनन क्षेत्र से बहार जाकर सैकड़ों एकड़ भूमि अवैध तरीके से खोदाई कर ली गई है। अवैध खनन से किसानों की भूमि में कटाव भी हुआ है।

    शिकायत करने पर मिलती हैं धमकियां

    शिकायतकर्ता का कहना है कि अवैध खनन के खिलाफ वह लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे हैं। इसका मकसद पर्यावरण संरक्षण और अवैध रोकने में प्रशासनिक अधिकारियों का सहयोग करना है, लेकिन कुछ अधिकारियों की मिलीभगत के कारण अवैध खनन पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। ऐसे हालात तब हैं जबकि अवैध खनन को लेकर डीसी स्वयं समय-समय बैठक भी लेते हैं।

    बीते दिनों उन्हेड़ी व पोबारी क्षेत्र में भी दौरा कर खनन गतिविधियों का जायजा ले चुके हैं। बावजूद इसके अवैध रूप से खनन भी हो रहा है और नियमों के विरुद्ध यमुना की धारा को भी बाधित किया जा रहा है। करीब नौ फीट तक खनन किया जा रहा है, जबकि यमुना में 20 से 15 फीट तक खोदाई हो रही है। रात के समय व रिवर बैड में खनन पर रोक हैं। उसके बाद भी खनन हो रही है। रात के समय वन्यजीव पानी के लिए निकलते हैं। खनन के कारण उनको जीवन में खतरे में हैं।

    नहीं रोक सकते जलधारा, जांच कराएंगे

    सिंचाई विभाग के एक्सईएन संदीप का कहना है कि प्राकृतिक जल धारा नहीं रोकी जा सकती। यदि जल धारा को रोका गया है या रोकने का प्रयास किया गया है तो कर्मचारी भेजकर जांच करवाई जाएगी। उसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।

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