Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यमुना फिर उफान पर, हथनीकुंड बैराज पर बहाव 70 हजार क्यूसेक पार; सभी 18 गेट खोले

    Updated: Wed, 17 Sep 2025 05:00 AM (IST)

    यमुनानगर में भारी वर्षा के कारण यमुना नदी में जलस्तर बढ़ गया हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़ा गया। जल बहाव 70257 क्यूसेक तक पंहुचा। जिससे तटवर्ती लोगों को नौ सितंबर की स्थिति याद आ गई। हिमाचल में बादल फटने से यमुनानगर समेत कई जिलों में जलस्तर बढ़ने की आशंका है जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है क्योंकि पहले ही उनकी 2000 एकड़ भूमि नदी में बह गई थी।

    Hero Image
    यमुना नदी फिर उफान पर, हथनीकुंड बैराज पर बहाव 70 हजार क्यूसेक पार। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, यमुनानगर। पहाड़ों व कैचमेंट एरिया में तेज वर्षा से मंगलवार को यमुना नदी में फिर से उफान आ गया। हथनीकुंड बैराज पर सबसे अधिक जल बहाव 70257 क्यूसेक रहा। जो मात्र पांच घंटे में दोगुणा से ज्यादा हो गया था। बैराज के सभी 18 खोल दिए गए। इससे तटवर्ती लोगों की चिंता बढ़ गई। अलसुबह तीन बजे बैराज पर 19 हजार क्यूसेक जलबहाव था। सुबह छह बजे जल बहाव 35296 क्यूसेक था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसके बाद तेजी से पानी बढ़ा, जो सुबह 10 बजे 55 हजार क्यूसेक के पार हो गया और 11 बजे सर्वाधिक 70,257 क्यूसेक जल बहाव रहा। यमुना नदी में 61437 क्यूसेक, पश्चिमी यमुना नहर में 7510 क्यूसेक व पूर्वी यमुना नदी में 1310 क्यूसेक जल बहाव रहा। इसके बाद जल का स्तर घटना शुरू हो गया। जो शाम पांच बजे घटकर 37,900 क्यूसेक रह गया। सोम नदी में जल बहाव 538 क्यूसेक रहा।

    जलस्तर बढ़ने की सूचना से तटवर्ती लोगों को नौ सितंबर का मंजर याद आ गया। जब हथनीकुंड बैराज पर सीजन का सर्वाधिक जलस्तर तीन लाख 29 हजार 313 क्यूसेक पहुंच गया था। 105 घंटे तक बैराज के सभी गेट खुले रहे। बादल फटने व वर्षा से बढ़ा जलस्तर सिंचाई विभाग के एसई आरएस मित्तल ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के काशी और हरिपुर क्षेत्र में 140 मिलीमीटर वर्षा होने और बादल फटा है, जिससे जलबहाव बढ़ गया।

    इसका सीधा असर यमुना नदी और उससे जुड़ी नहरों पर पड़ेगा। यमुनानगर जिले के साथ करनाल, पानीपत और सोनीपत जिलों में भी जलस्तर बढ़ सकता है।  तटवर्ती किसानों की चिंता बढ़ी यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर ने तटवर्ती किसानों की भी चिंता बढ़ा दी है। गत दिनों बढ़े जलस्तर से किसानों की भूमि में कटाव शुरू हो गया।

    जिले की करीब 2000 एकड़ जमीन नदी की भेंट चढ़ गई। कटाव रोकने के लिए प्रशासन के साथ ग्रामीण भी जुटे थे। जिससे कटाव पर रोक लग सकी। जलबहाव बढ़ने से फिर से कटाव शुरू हो गया है।