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    पीएमएवाई पर भारी अफसरशाही, 22.77 करोड़ में से पात्रों तक पहुंचे सात करोड़

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 05 Nov 2019 07:00 AM (IST)

    प्रधानमंत्री आवास योजना पर अफसरशाही भारी पड़ रही है। किसी को पहली किस्त नहीं मिली तो किसी को दूसरी और तीसरी का इंतजार है। अधर में पड़े मकानों के मालिक व्यवस्था को कोस रहे हैं।

    पीएमएवाई पर भारी अफसरशाही, 22.77 करोड़ में से पात्रों तक पहुंचे सात करोड़

    जागरण संवाददाता, यमुनानगर : प्रधानमंत्री आवास योजना पर अफसरशाही भारी पड़ रही है। किसी को पहली किस्त नहीं मिली तो किसी को दूसरी और तीसरी का इंतजार है। अधर में पड़े मकानों के मालिक व्यवस्था को कोस रहे हैं। नगर निगम एरिया में कुल 759 पात्र हैं। 648 को स्वीकृति पत्र भी मिल चुके हैं। बावजूद इसके अभी तक मकान बनाने के लिए तीनों किस्तें इन तक नहीं पहुंची। ऐसे लोगों की संख्या कम नहीं है जिन्होंने ब्याज पर रकम लेकर मकान तो बना लिया, लेकिन किस्त नहीं मिली।

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    तीन किस्तों में जारी होते हैं पैसे

    मकान बनाने के लिए पात्र को ढाई लाख रुपये तीन किस्तों में जारी किए जाते हैं। पहली व दूसरी किस्त एक-एक लाख रुपये की है, जबकि तीसरी 50 हजार रुपये की। जिले के लिए कुल 22.77 करोड़ रुपये का बजट है, लेकिन अब तक केवल सात करोड़ ही मिले हैं। ऐसे लोगों की संख्या कम नहीं है जो मकान बनाकर फंस गए।

    किस कॉलोनी में कितने पात्र

    हरीनगर 12

    लाजपत नगर 24

    मिश्रा कॉलोनी 09

    नारायण कॉलोनी 03

    मुखर्जी पार्क 37

    तीर्थ नगर 04

    मधुबन कॉलोनी 07

    भागीरथ कॉलोनी 11

    जम्मू कॉलोनी 79

    हमीदा 191

    बूड़िया 382

    एक भी किस्त नहीं मिली

    जम्मु कॉलोनी निवासी बीरू राम का कहना है कि मकान बनाने के लिए उनको अभी तक एक भी किस्त नहीं मिली है। कई माह पहले पहले पक्के मकान के लिए फार्म भरा था। पक्के मकान की आस में कच्चा भी तोड़ दिया। नगर निगम में कई चक्कर लगा चुके हैं। स्वीकृति पत्र भी जारी कर दिया गया, लेकिन मकान बनाने के लिए पहली किस्त भी उनको नहीं दी गई है।

    स्वीकृति पत्र मिला, पैसे नहीं

    संतोष ने बताया कि पीएमएवाई के तहत पक्का मकान बनाने के लिए नगर निगम में आवेदन किया था। अधिकारियों ने स्वीकृति पत्र तो दिया, लेकिन पैसे नहीं दिए। पुराने मकान की छत गिर गई है। प्लाई रखी हुई है। जब स्वीकृति पत्र दे दिया गया तो किस्त भी जारी की जानी चाहिए थी। नगर निगम में जाते हैं तो फसर अनसुना कर देते हैं। बारिश के दिनों में परेशानी और भी बढ़ जाती है।

    कर्जदार हो गए

    जम्मू कॉलोनी के पदम ने बताया कि उसको दो किस्तें मिली हैं। उधार लेकर मकान तो पूरा कर लिया है, लेकिन तीसरी किस्त नहीं मिली। यदि उधार न लेता तो मकान भी अधर में रहता। अब तीसरी किस्त के लिए कई बार चक्कर लगा चुका हूं। कहीं से भी संतोषजनक जवाब नहीं मिलता। बजट न आने के कारण पीएमएवाई की किस्तें रुकी हुई हैं। सरकार को डिमांड भेजी हुई। सभी पात्रों को मकान के लिए तीनों किस्तें जारी की जाएंगी। हमारा प्रयास है कि जल्द ही पात्रों को किस्तें जारी की जाएं।

    दीपक सूरा, कार्यकारी अधिकारी, नगर निगम।

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