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    स्वास्थ्य विभाग में नौकरी लगवाने के नाम पर 15 लोगों से 35 लाख रुपये ठगे, स्टाफ नर्स सहित दो पर आरोप

    By Jagran NewsEdited By: Rajat Mourya
    Updated: Tue, 16 May 2023 03:19 PM (IST)

    यमुनानगर में सिविल अस्पताल की स्टाफ नर्स सहित दो पर 15 लोगों से 35 लाख रुपये की ठगी करने का आरोप लगा है। सिविल सर्जन ने भी इस मामले में संज्ञान लिया है। वहीं अब पूरे मामले की जांच पुलिस कर रही है।

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    नौकरी लगवाने के नाम पर 15 लोगों से 35 लाख रुपये ठगे

    यमुनानगर, जागरण संवाददाता। स्वास्थ्य विभाग में ग्रुप डी की नौकरी लगवाने के नाम पर 15 लोगों से ठगी कर ली गई। आरोप अस्पताल की ही स्टाफ नर्स सहित दो अन्य पर लगा है। इन्होंने अलग-अलग लोगों से करीब 35 लाख रुपये की ठगी की है। किसी से चार लाख रुपये लिए गए तो किसी से तीन लाख रुपये लिए गए हैं। इन लोगों से पैसे लेने के बाद कुछ दिनों तक सिविल अस्पताल में भी बुलाया गया, लेकिन जब यहां पर उनकी हाजिरी नहीं लगी, तब उन्हें शक हुआ।

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    आरोपित स्टाफ नर्स से बात की तो वह टालमटोल करने लगी। इसके बाद से ही यह लोग चक्कर काट रहे हैं। एसपी को शिकायत दी गई। वहीं सिविल सर्जन डॉ. मनजीत सिंह को भी इस बारे में शिकायत दी गई है। सिविल सर्जन का कहना है कि नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से रुपये ठगने का मामला संज्ञान में आया है। इस बारे में उन्होंने आरोपित नर्स से भी बात की है। वह रुपये लेने की बात से साफ इन्कार कर रही है, इसलिए अब पुलिस ही इस मामले की जांच करेगी।

    नर्स ने बताया नौकरी मिल जाएगी

    गांव उन्हेड़ी निवासी सतीश कुमार ने बताया‌ कि सिविल अस्पताल में कार्यरत स्टाफ नर्स के पास एक महिला काम पर लगी हुई थी। इस महिला से उन्हें पता लगा कि अस्पताल में नया भवन बन रहा है। जिसमें बड़ी संख्या में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रखे जाने हैं। पता लगने पर वह अस्पताल की स्टाफ नर्स से मिले। नर्स ने उन्हें बताया कि नौकरी मिल जाएगी। दूसरे जिलों में भी उन्हें नौकरी करनी पड़ सकती है। नौकरी पक्की होगी। इसके लिए पैसा देना होगा। इसके लिए एक-एक व्यक्ति से साढ़े चार से पांच लाख रुपये तक मांगे गए।

    इसी तरह से मॉडर्न कॉलोनी निवासी सुरेश कुमार भी सुरेंद्र व राजेश कुमार नाम के व्यक्तियों के माध्यम से नर्स के संपर्क में आए। उन्होंने अपने दो भतीजों के नाम पर दस लाख रुपये दिए। उनका एक भतीजा नौ जनवरी से चार फरवरी तक अस्पताल में भी आता रहा, लेकिन यहां पर उसकी हाजिरी नहीं लगी। जब उसकी हाजिरी नहीं लगी तो इधर-उधर से जानकारी ली। पता लगा कि इस तरह की कोई वैकेंसी नहीं निकली है। जिसके बाद आरोपितों से बात की और पैसे वापस मांगे, लेकिन उन्होंने पैसा देने से इन्कार कर दिया। स्टाफ नर्स ने छेड़छाड़ के केस में फंसाने की भी धमकी दी।

    इन लोगों से हुई ठगी

    लोगों को स्वास्थ्य विभाग में कंप्यूटर आपरेटर, इलेक्ट्रिशियन, नर्स, एंबुलेंस ड्राइवर सहित अन्य चतुर्थ श्रेणी पदों पर लगवाने का झांसा दिया गया था। इनमें ज्योति से स्टाफ नर्स के नाम पर साढ़े पांच लाख, शाहरुख खान से एंबुलेंस ड्राइवर के नाम पर साढ़े तीन लाख, सविता से साढ़े तीन लाख, सौरव से चार लाख, मदन से सवा चार लाख, बिनेरिया सैनी से सात लाख, संदीप से एक लाख 75 हजार, संदीप बुबका से 50 हजार, प्रीति से 70 हजार रुपये, सतीश से साढ़े चार लाख, हितेश से सवा दो लाख रुपये, रजत से चार लाख, सचिन से 40 हजार, परनजीत से 50 हजार रुपये लिए गए। इनमें से कई को फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भी दिए गए थे।