Haryana Flood: यमुना में 3 लाख क्यूसेक से अधिक जलबहाव, तटबंध टूटते ही 10 गांवों में घुसा पानी
यमुनानगर में पहाड़ों पर भारी वर्षा के कारण यमुना नदी का जलस्तर बढ़कर 3 लाख 29 हजार क्यूसेक तक पहुँच गया जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। हरियाणा और उत्तर प्रदेश की नहरों की सप्लाई रोक दी गई है और कई गांवों में पानी भर गया है। तटबंध टूटने से फसलों को भारी नुकसान हुआ है और सुरक्षा दीवार में दरारें आ गई हैं।

जागरण संवाददाता, यमुनानगर (प्रतापनगर)। पहाड़ों पर हो रही वर्षा से सोमवार को यमुना नदी का जल बहाव सीजन के उच्चतम स्तर तीन लाख 29 हजार 313 क्यूसेक पर पहुंच गया। हरियाणा की पश्चिमी यमुना व उत्तर प्रदेश की पूर्वी यमुना नहर की सप्लाई बंद कर दी गई।
सोमवार सुबह चार बजे एक लाख 65 हजार 514 क्यूसेक जलबहाव होते ही सिंचाई विभाग की ओर से बाढ़ घोषित कर सायरन बजा कर सभी को अलर्ट कर दिया गया। गांव बाकरपुर, साबेपुर, लापरा, छोटा लापरा सहित 10 गांव की आबादी तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है।
कमालपुर टापू गांव में सात करोड़ में बने तटबंध का एक हिस्सा यमुना में समा गया और कलेसर गांव के पास और बेलगढ़ में भी तटबंध टूट गया। कन्यावाला, भीलपुर, लक्कड़, प्रतापनगर, बीबीपुर मांडेवाली सहित कलेसर वन विभाग और किसानों की 200 एक जमीन में कटाव हो गया है।
50 गांवों की लगभग 50 हजार एकड़ में फसल डूब गई है। उत्तर प्रदेश की ओर हथनीकुंड बैराज पर बनी सुरक्षा दीवार में दरारें आ गई और तटबंध बैठ गया। सहारनपुर प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। यमुनानगर सिंचाई विभाग के एसई आरएस मित्तल सहित सभी उच्चाधिकारी दल-बल के साथ बैराज पर पहुंच गए। यमुना नदी के जलबहाव में बढ़ोतरी हो रही है। 48 घंटे बाद यह पानी दिल्ली पहुंच जाएगा।
उधर, करनाल में शाम तक पानी यमुना नदी के साथ लगते गांवों के खेतों में भर गया। करीब 2000 एकड़ फसल डूब गई। यमुना नदी क्षेत्र के साथ लगते गांवों के स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है। सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां भी रद कर दी गई है। मिट्टी के कट्टों का इंतजाम किया जा रहा है।
पानीपत में गांव राणा माजरा, खोजकीपुर, तामशाबाद, पत्थरगढ़, नन्हेड़ा, रिसपुर और गोयला कलां के तटबंध तक पानी पहुंच गया है। यमुना के अंदर 2500 एकड़ फसल डूब गई है। यमुना नदी में हिमाचल प्रदेश के सिरमौर स्थित बेसिन बैराज से पानी आता है। यमुना नदी की सहायक नदियां गिरि, टोंस व बाता नदी पांवटा साहिब है।
इस प्रकार यमुना नदी में हिमाचल व उत्तराखंड का लगभग 2320 वर्ग किमी का पानी आता है। हरियाणा में प्रवेश करते ही सुकरो नदी, नांगल ड्रेन, पथराला व सोम सहित अन्य नदियों के बाढ़ का पानी भी यमुना नदी में मिलकर दिल्ली के लिए खतरा पैदा करता है। सोम नदी में सुबह सात बजे 5140 क्यूसेक बहाव चल रहा था।
यमुनानगर में शाम को पांच बजे जलबहाव दो लाख 92 हजार 365 हो गया। 18 घंटे से बैराज के 18 गेट खुले हैं। ऐसा कई साल बाद हुआ है। ऐसे बढ़ा जलबहाव एक बजे यमुना नदी 79619 क्यूसेक पर बही।
दो बजे जलबहाव में थोड़ी बढ़ोतरी 83794 क्यूसेक दर्ज की गई। तीन बजे 93849 बहती बहती यमुना नदी में अचानक उफान आ गया। जो कि सुबह 4 बजे 165514 क्यूसेक पर पहुंचते ही विभाग की ओर फ्लड घोषित कर दिया गया।
सुबह पांच बजे जलबहाव 210361, छह बजे 239757, सात बजे 272645, आठ बजे 311032, नौ बजे 329313, 10 बजे 321653 व 12 बजे 323180 क्यूसेक व दो बजे 303513 क्यूसेक पर पहुंच गया है। उसके बाद पानी का बहाव कम होना शुरू हो गया। करीब चार बजे 296810 क्यूसेक पर आ गया।
सिंचाई विभाग के एसई आरएस मित्तल ने बताया कि सभी अधिकारी व कर्मचारी जलबहाव पर नजर रखे हुए हैं। लेकिन अभी खतरे वाली कोई बात नहीं है। विभाग की ओर से अलर्ट जारी कर दिया गया है।
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