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    पेपर मिल को खरीदने के लिए फिनक्वेस्ट कंपनी की याचिका स्वीकार, छह सप्ताह का दिया गया समय

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 14 Mar 2022 05:11 PM (IST)

    शहर की सबसे बड़ी व प्रसिद्ध औद्योगिक इकाई बल्लारपुर इंडस्ट्रीज लिमिटेड (पेपर मिल यमुनानगर) के लिक्विडेशन (टुकड़ों में बेचने की प्रक्रिया) को लेकर ट्रिब् ...और पढ़ें

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    पेपर मिल को खरीदने के लिए फिनक्वेस्ट कंपनी की याचिका स्वीकार, छह सप्ताह का दिया गया समय

    जागरण संवाददाता, यमुनानगर : शहर की सबसे बड़ी व प्रसिद्ध औद्योगिक इकाई बल्लारपुर इंडस्ट्रीज लिमिटेड (पेपर मिल यमुनानगर) के लिक्विडेशन (टुकड़ों में बेचने की प्रक्रिया) को लेकर ट्रिब्यूनल में याचिका डाली गई है। जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। फिनक्वेस्ट कंपनी ने यह याचिका दाखिल की है। कोर्ट ने छह सप्ताह का समय दिया है। इस बीच में कंपनी की सीओसी(कंपनी आफ क्रिएडिटर) के साथ बैठक होगी। जिसमें वोटिग की जाएगी। यह वोटिग पेपर मिल को खरीदने के लिए लगने वाली बोली के रूप में होगी। कोर्ट में सुनवाई 19 अप्रैल को होगी।

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    वहीं लिक्विडेशन में होने की वजह से पेपर मिल के सभी कर्मचारियों व प्रबंधन को कार्यमुक्त कर दिया गया है। पेपर मिल पर लिक्विडेटर रवि सेतिया को नियुक्त किया गया है। उनकी देखरेख में ही पेपर मिल को बेचने की पूरी प्रक्रिया चलेगी। यह आदेश नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल ने 25 जनवरी को जारी कर दिए थे। हालांकि अब लिक्विडेशन को लेकर याचिका लगाई गई है। जिसे कोर्ट ने स्वीकार किया है। करीब तीन हजार करोड़ रुपये का है कर्ज :

    पेपर मिल पर करीब तीन हजार करोड़ रुपये का कर्ज है। यह कर्ज अलग-अलग 19 बैंकों से हैं। बताया जा रहा है कि पेपर मिल पर एक्सिस बैंक, इंडस्टलैंड बैंक, आइडीबीआइ बैंक से कर्ज लिया है। इसके अलावा डीएसबी, डच बैंक, एचएसबीसी, सिटी बैंक जैसे विदेशी बैंकों से भी मिल ने कर्ज उठाया है। जिस फिनक्वेस्ट कंपनी ने लिक्विडेशन को लेकर याचिका दाखिल की है। उसका भी करीब 175 करोड़ रुपये का कर्ज पेपर मिल पर है। इसके साथ ही सीओसी की बैठक में करीब 15 प्रतिशत वोटिग का अधिकार इस कंपनी को है। काफी समय से खस्ताहाल में पेपर मिल :

    थापर ग्रुप की यह प्रमुख इकाई शहर के सबसे महत्वपूर्ण इलाके में स्थित है। इस भूमि की कीमत अरबों रुपये बताई जा रही है। पेपर मिल की माली हालत काफी समय से खराब चल रही थी। जिसके मिल प्रबंधन पेपर मिल को बेचने की तैयारी चल रही थी, लेकिन एक साथ इतनी बड़ी कीमत के लिए कोई आगे नहीं आया। बैंकों की ओर से मामला नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल में डाला गया था। 1929 में हुई थी स्थापना :

    हरियाणा में बल्लारपुर पेपर मिल राज्य की सर्वप्रथम पेपर मिल है। करीब 200 एकड़ एरिया जमीन में पेपर मिल की स्थापना वर्ष 1929 में हुई थी। यह भारत की सबसे बड़ी और सबसे उत्तम गुणवत्ता के कागज बनाने वाला कारखाना रहा है। यह भारत की पहली ऐसी कागज मिल है, जिसका नाम विश्व के टाप 100 इंडस्ट्री में सम्मिलित हो चुकी है। इस मिल में करीब 2500 कर्मचारी काम कर रहे थे। इनमें से करीब सात सौ स्थायी कर्मचारी, पौने दो सौ अधिकारी, साढ़े पांच सौ अस्थायी कर्मचारी और एक हजार के करीब कर्मचारी ठेकेदार के थे।