रंगीन फोटो स्टेट के पेज पर निकाले जाते थे नकली नोट, गीला हाथ लगा तो उतरने लगा रंग
प्लाईवुड फैक्ट्री में मजदूरों को नकली नोट बांटने का मामला। सुलेमान ही नोट तैयार कर यमुनानगर के अलावा उत्तर प्रदेश के कई शहरों में सप्लाई करता था। इस मामले में पुलिस को एक और मुख्य आरोपित इंतजार की तलाश है।
संवाद सहयोगी, जठलाना : जाली नोटों को यमुनानगर में सप्लाई करने वाले सरगना हाफिजपुर निवासी सुलेमान की तलाश में पुलिस ने उसके घर पर दबिश दी, लेकिन वह फरार मिला। अब तक की पूछताछ में पुलिस को पता लगा है कि सुलेमान ही नोट तैयार कर यमुनानगर के अलावा उत्तर प्रदेश के कई शहरों में सप्लाई करता था। इस मामले में पुलिस को एक और मुख्य आरोपित इंतजार की तलाश है। वह भी अभी फरार चल रहा है। अब तक गढ़ी गुजरान निवासी वासिल, हमीदा निवासी अब्बास व शमशाद को गिरफ्तार किया जा चुका है। उनसे 60 हजार के नकली नोट बरामद हो चुके हैं। यह नकली नोट भी रंगीन फोटोस्टेट के पेज पर निकाले जा रहे थे। जठलाना थाना प्रभारी पृथ्वी सिंह ने बताया कि सुलेमान व इंतजार की तलाश में दबिश दी जा रही है। अब जिन मशीनों के जरिए यह नोट तैयार किए जाते थे। उनका पता भी आरोपितों के पकड़े जाने के बाद ही लगेगा। गंगोह पुलिस भी लगी तलाश में
नकली नोटों को चलाने वाले सरगना सुलेमान की तलाश में अब गंगोह पुलिस भी लग गई है। जठलाना पुलिस ने वहां की पुलिस से संपर्क साधा है। साथ ही आरोपित के परिवार को उनके बारे में कोई भी पता लगने पर तुरंत जानकारी देने की बात कही है। वहीं बताया जा रहा है कि यह गिरोह कई शहरों में इन नोटों को सप्लाई करता था। नोटों की गड्ड़ी के बीच में इन नोटों को लगाकर चला देते थे। इनके निशाने पर श्रमिक ही रहते थे। यहां भी प्लाइवुड फैक्ट्री में लगी लेबर को यह नोट सप्लाई हो रहे थे। पानी लगाकर देखा, तो उतर गया रंग
पकड़े गए नोटों को जब गिनते ही गीला हाथ लगाया, तो इनका रंग उतरने लगा। इससे ही पुलिस को पता लगा कि यह फोटोस्टेट करने वाले पेज पर प्रिट किए गए हैं। हालांकि पुलिस को अब प्रिटर व अन्य सामान मिलने के बाद ही पता लगेगा कि यह नोट किस तरह से तैयार किए जाते थे। 40 हजार रुपये के बदले में सुलेमान वासिल को एक लाख रुपये के जाली नोट देता था। इन नोटों को वह अपने दोस्त इंतजार के साथ मिलकर 60 हजार रुपये में सप्लाई करता था। यह है मामला
गत शनिवार को गांव खजूरी की हरिओम प्लाइवुड फैक्ट्री में लेबर के ठेकेदार हमीदा निवासी अब्बास ने मजदूरों को उनके वेतन में असली नोटों के साथ-साथ 100-100 के नकली नोट भी सप्लाई किए हैं। यह मजदूर पास में ही राजकुमार की दुकान पर जब सामान खरीदने के लिए गए, तो पता चला कि नोट नकली है। इसके बाद ही मामला खुला। उसने पुलिस को इसकी सूचना दी। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने नकली नोटों को कब्जे में लिया और ठेकेदार अब्बास व शमशेद उर्फ सोनू को हिरासत में लिया।