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    वन कर्मचारियों के साथ खैर तस्करों की मुठभेड, मौके से लकड़ी और वाहन लेकर फरार

    यमुनानगर के कलेसर जंगल में खैर तस्करों के हौसले बुलंद हैं। वन विभाग के कर्मचारियों और तस्करों के बीच मुठभेड़ में वन विभाग के दारोगा और एक मजदूर घायल हो गए। तस्कर खैर की लकड़ी और वाहन लेकर भाग निकले लेकिन वन विभाग ने लकड़ी और औजार बरामद किए हैं। दस आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

    By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Tue, 26 Aug 2025 01:47 PM (IST)
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    वन कर्मचारियों के साथ खैर तस्करों की मुठभेड़। फोटो जागरण

    संवाद सहयोगी, प्रतापनगर/छछरौली (यमुनानगर)। खैर तस्करों के हौसले बुलंद हैं। बीड ताहरपुर के घने जंगलों में शुक्रवार देर रात वन विभाग के कर्मचारियों और खैर तस्करों के बीच मुठभेड़ हो गई। घटना में वन विभाग के दारोगा के साथ गश्त पर गए ठेकेदार के एक मजदूर को गंभीर चोटें आईं, जबकि तस्कर मौके से खैर की लकड़ी और वाहन लेकर भाग निकले।

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    तस्कर वन विभाग की टीम से अपना साथी छुड़ा ले गए। वन कर्मियों ने मौके से खैर की लकड़ी और काटने के औजार बरामद किए हैं। दस आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। लगातार जंगल में बढ़ रहे खैर तस्करी से कलेसर का जंगल असुरक्षित लग रहा है।

    बेखौफ माफिया कर्मचारियों पर जानलेवा तक हमला कर रहा है। बीट इंचार्ज बन संतौर के वन दारोगा मिंटू कुमार ने बताया कि 23 अगस्त की रात लगभग 11:30 बजे वह विभागीय ठेकेदार के मजदूर मेहंदी (गांव ताहरपुर कलां निवासी) को साथ लेकर जंगल में गश्त कर रहा था।

    इसी दौरान जंगल में छह -सात लोग कटे पड़े खैर के पेड़ों के टुकड़ों की छिलाई कर उन्हें गाड़ी में लोड कर रहे थे। यह देखकर सूचना देकर वन रक्षक अंकित कुमार को भी मौके पर बुलाया गया।

    दारोगा ने बताया कि टार्च की रोशनी में तस्करों की पहचान पिंदू पुत्र राजबीर, अवतार पुत्र राजबीर, सुखदेव पुत्र दर्शन और कंवर पुत्र दर्शन के तौर पर हुई। सभी आरोपित कोट बसावा सिंह के रहने वाले हैं। आरोपित मशीन से पेड़ों को चीरा लगा रहे थे।

    वहीं संदीप पुत्र सतपाल, सोनू उर्फ सुखा पुत्र पाल और नवाब पुत्र यासीन (निवासी कोट मुस्तरका) कुल्हाड़ी से लकड़ी छील रहे थे। इस दौरान चालक आरिफ पुत्र नुरु व मुबारिक पुत्र नुरु लकड़ी को गाड़ी में लोड कर रहे थे। वन कर्मचारी और मजदूर ने तस्करों को पकड़ने की कोशिश की तो उन्होंने लाठी-डंडों और धारदार हथियारों से हमला कर दिया।

    हमले में मजदूर मेहंदी पुत्र गुलामदीन गंभीर रूप से घायल हो गया। उसके सिर व शरीर में घाव हैं। वन दारोगा ने पीछा कर नवाब पुत्र यासीन को पकड़ लिया, लेकिन अन्य आरोपित वापस आए और जबरन अपने साथी को छुड़ा ले गए। वन विभाग की टीम को तलाशी के दौरान आठ ताजा कटे खैर के पेड़ों के ठूंठ मिले। पांच छिली व पांच बिना छिली लकड़ी के टुकड़े, एक आरी और एक कुल्हाड़ी मिली।