व्यर्थ न बहाएं जल, करें सदुपयोग : गुप्ता
पानी के बिना हम एक दिन भी नहीं रह सकते व पानी के बिना जीवन जीने की कल्पना भी नहीं कर सकते। पानी हमारा जीवन है। धरती पर पानी के बिना जीवन संभव नहीं है। हमने अपनी आने वाली पीढि़यों के लिए धरती को हरा-भरा रखना है और ऐसा करने के लिए पानी का सही प्रयोग करना और इसे बचाना ही समय की सबसे महत्वपूर्ण मांग है।

जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
पानी के बिना हम एक दिन भी नहीं रह सकते व पानी के बिना जीवन जीने की कल्पना भी नहीं कर सकते। पानी हमारा जीवन है। धरती पर पानी के बिना जीवन संभव नहीं है। हमने अपनी आने वाली पीढि़यों के लिए धरती को हरा-भरा रखना है और ऐसा करने के लिए पानी का सही प्रयोग करना और इसे बचाना ही समय की सबसे महत्वपूर्ण मांग है।
यह जानकारी देते हुए डीसी पार्थ गुप्ता ने कहा कि पानी के महत्व को समझकर सदुपयोग करें। देखने में आया है कि जब पानी की आवश्यकता नहीं होती तो लोग नलों को खुला ही छोड़ देते हैं और पानी व्यर्थ में बहता रहता है। उन्होंने कहा कि यदि हम इसी प्रकार पानी का दुरुपयोग करते रहेंगे तो आने वाले समय में हमें पानी के घोर संकट का सामना करना पड़ेगा। जब पानी की आवश्यकता न हो तो नल को बंद अवश्य कर दें। गांवों में मौजिज व्यक्तियों का भी दायित्व बनता है कि वे पानी की नलों को खुला न छोड़ें। यदि पानी की नल एवं टूंटी खराब है तो उसे तुरंत ठीक करवाएं ताकि पानी व्यर्थ न बहे।
पार्थ गुप्ता ने कहा कि गांव एवं शहरी क्षेत्रों में घर की सफाई करते समय ज्यादातर महिलाएं पाइप लगाकर फर्श धोती है जिससे पानी का दुरुपयोग होता है। फर्श की सफाई के लिए खुले पानी के पाइप का इस्तेमाल न करके कपड़े से साफ करना ज्यादा बेहतर है। इसी प्रकार पीने के लिए भरने वाले पानी को भी नाली में यूं ही बहा दिया जाता है जबकि इस पानी को पौधों में देकर इसे व्यर्थ होने से बचाया जा सकता है।
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