Dengue Home Remedies: डेंगू से बचाव के लिए बरतें एहतियात, इन घरेलू उपाय से मिलेगी राहत
डेंगू के केस लगातार बढ़ रहे हैं। जरा सी लापरवाही से मरीजों की जान पर बन आ रही है। जबकि थोड़ी सी एहतियात से ही बचा जा सकता है। साथ ही प्राकृतिक चीजों के प्रयोग से मरीज को ठीक किया जा सकता है।
यमुनानगर, जागरण संवाददाता। इन दिनों डेंगू खूब डरा रहा है। जिले में मरीजों का आंकड़ा 600 पार कर गया है। चपेट में आ जाने के बाद लोग सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में उपचार करवा रहे हैं। ऐसी स्थिति में चिकित्सक विशेष रूप से एहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं। विशेषतौर पर मच्छरों से बचाव की सलाह दी जा रही है।
दूसरा, एलाेपेथिक चिकित्सा पद्धति के साथ-साथ आयुर्वेदिक चिकित्सा को भी काफी कारगर बताया जा रहा है। डेंगू से बचाव व विभाग से जुड़ी अन्य गतिविधियों को लेकर संवाददाता संजीव कांबोज ने जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डा. विनोद पूंडीर से बातचीत की। बातचीत के अंश इस प्रकार हैं :-
सवाल : इन दिनों डेंगू बुखार का प्रकोप काफी देखा जा रहा है। फैलने का बड़ा कारण क्या है। किस तरह बचाव कर सकते हैं?
जवाब : डेंगू बुखार के मरीज काफी आ रहे हैं। बचाव के लिए सबसे जरूरी मच्छरों से बचाव रखना है। अपने आसपास पानी न जमा होने दें। कूलर, छतों पर पड़े खाली बर्तन व गमलों को नियमित रूप से साफ करते रहें। आसपास यदि कहीं पानी जमा है तो उसमें दवाई डाल दें। ताकि मच्छर का लारवा न पनप सके।
सवाल : बचाव के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति कितनी कारगर है।
जवाब : डेंगू के लक्षण दिखाई देने पर सबसे पहले टेस्ट करवाएं। उपचार में किसी तरह की कोताही न बरतें। डेंगू से बचाव के लिए पूर्ननवा, कुटकी व गिलोय का चूर्ण सुबह-शाम लें। काफी राहत मिलेगी। इसके अलावा प्लेटलेट्स कम होने की स्थिति में पपीते के पत्तों को काढ़ा तैयार कर पिएं।
सवाल : आयुष विभाग की ओर से चल रही डिस्पेंसरियों पर दवाइयों की उपलब्धता की क्या स्थिति है?
जवाब : विभाग की ओर से 18 आयुर्वेदिक, तीन युनानी डिस्पेंसरियां चलाई जा रही हैं। 10 डिस्पेंसरियों को आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में तब्दील कर दिया गया है यहां आधुनिक सुविधाएं दी जा रही हैं। किसी भी डिस्पेंसरी पर दवाइयों की कमी नहीं है। हर तरह की बीमारी का उपचार बेहतरी से किया जा रहा है।
सवाल : आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति की ओर से लोगों को कितना रुझान है।
जवाब : बीते वर्षों में आयुर्वेदिक चिकित्सा की ओर लोगों का रुझान बढ़ा है। क्योंकि डिस्पेंसरियों पर दवाइयों की कमी नहीं रही। चार-पांच गुण ओपीडी बढ़ी है। विभाग की ओर से शुगर से बचाव के लिए आशा व एएनएम को प्रशिक्षण दिया गया है ताकि ये ग्रामीणों को बीमारी से बचाव के बारे में जागरूक कर सकें। उनको बचाव के उपाय बता सकें।
सवाल : भविष्य में किस तरह आधुनिक सुविधाएं दिए जाने की योजना है?
जवाब : विभाग की ओर से जैसे निर्देश होंगे, वैसी ही सुविधाएं जिलावासियों को मिलेंगी। बेहतर चिकित्सीय सुविधाएं मुहैया करवाने के उद्देश्य ही डिस्पेंसरियों को आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में तब्दील किया जा रहा है। 15 वेलनेस सेंटर बन चुके हैं।
सवाल : बतौर जिला आयुर्वेदिक अधिकारी जिलावासियों को आपका संदेश क्या है?
जवाब : जिलावासियों से अपील है कि मौसम के बदलते इस दौर में स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें। संतुलित आहार लें और खानपान का विशेष रूप से ख्याल रखें। तुलसी-अदरक, शहद का सेवन करें। योग-प्रणायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। इसके लिए विभाग की ओर से व्यायामशालाएं भी चलाई जा रही हैं। 21 व्यायामशालाओं में योगाचार्यों की व्यवस्था हो चुकी है। बाकी के लिए प्रक्रिया चल रही है।