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    नृत्य से होता है मानसिक व शारीरिक लाभ

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 29 Apr 2021 07:35 AM (IST)

    कोरोना काल में खुद को फिट रखने के लिए नृत्य से बेहतर कोई एक्सरसाइज नहीं है। अगर डांस में जुंबा व एरोबिक्स का मिश्रण कर लिया जाए तो सोने में सुहागे वाली बात होगी।

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    नृत्य से होता है मानसिक व शारीरिक लाभ

    संवाद सहयोगी, जगाधरी : कोरोना काल में खुद को फिट रखने के लिए नृत्य से बेहतर कोई एक्सरसाइज नहीं है, अगर डांस में जुंबा व एरोबिक्स का मिश्रण कर लिया जाए, तो सोने पर सुहागे वाली बात होगी। इन दिनों लोगों में डांस विद जुम्बा व एरोबिक्स का क्रेज सिर चढ़कर बोल रहा है। कारण साफ है, अभ्यास से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। वजन कम होता और तनाव से भी मुक्ति मिलती है। शरीर में लचीलापन आता है जिससे एक्टिवनेस बनी रहती है। नृत्यांगन कला केंद्र की संचालिका ममता त्यागी का मानना है। अब जुंबा व एरोबिक्स की मांग भी खूब बढ़ी है। रोजाना लोगों को ऑन लाइन डांस ट्रेनिग देती हैं। जिसमें चार से 65 साल तक के लोग शामिल है।

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    महिलाएं पुरुषों के मुकाबले अधिक मानसिक तनाव में रहती हैं :

    जुम्बा और ऐरोबिक्स करने से न केवल मनोरंजन होता है, बल्कि तनाव भी दूर होता है। नृत्यांगना ममता त्यागी का कहना है कि अधिकतर महिलाएं अपनी फिटनेस के लिए समय नहीं निकाल पातीं। ऐसा माना जाता है कि महिलाएं पुरुषों के मुकाबले अधिक मानसिक तनाव में रहती हैं। रसोई से लेकर बच्चों और घर के अन्य कार्य से उन्हें अधिक तनाव होता है। ऐसी स्थिति में खुद को स्वस्थ रखना महिलाओं के लिए मुश्किल होता है। जुम्बा और ऐरोबिक्स इसके लिए कारगर साबित हो रहा है। यह हल्की एक्सरसाइज है, जिससे तनाव दूर करने में काफी मदद मिलती है। महिलाओं के चेहरे पर मुस्कराहट रहती है और वे खुद को तरोताजा भी महसूस करती हैं। उन्होंने बताया कि यह एक ऐसी एक्सरसाइज है, जो हल्के गानों के साथ शुरू होती है। लोग इससे आनंद लेते हैं। संगीत के साथ एक्सरसाइज करने से जल्दी थकान महसूस नहीं होती और पूरे शरीर भी फिट रहता है।

    800 लोगों को दे चुकी हूं एरोबिक्स की ट्रेनिग :

    ममता त्यागी ने बताया कि वह 800 लोगों को एरोबिक्स की ट्रेनिग दे चुकी हैं। इसे ज्यादा मनोरंजक बनाने के लिए उन्होंने खुद के स्टेप तैयार किए हैं। साथ ही गानों का चयन भी इस प्रकार से किया है, तो लोगों को एरोबिक्स करते हुए आनंद की अनुभूति हो।

    कथक करने से रक्तचाप व ह्रदय गति रहती है ठीक:

    ममता त्यागी के मुताबिक रोजना एक घंटा कथक व अन्य नृत्य का अभ्यास करने से ह्रदयगति दरूस्त रहती ही है। साथ ही रक्तचाप भी ठीक रहता है। कोरोना काल में केंद्र के अंदर लोगों को बुलाना ठीक नहीं है। ऐसे में उन्होंने ऑन लाइन ट्रेनिग दे रही है।