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    डीएपी और सुपर में ¨जक मिलाकर धान में न डालें किसान : कांबोज

    By Edited By:
    Updated: Mon, 04 Jul 2016 01:00 AM (IST)

    जागरण संवाददाता, यमुनानगर : धान की रोपाई का सीजन इन दिनों जोरों पर है। बेहतर पैदावार लेने के लिए जरू

    जागरण संवाददाता, यमुनानगर : धान की रोपाई का सीजन इन दिनों जोरों पर है। बेहतर पैदावार लेने के लिए जरूरी है कि किसान रोपाई के समय और बाद में कुछ सावधानी बरतें और समयानुसार ही खाद व दवाइयों का प्रयोग करें। किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए दामला के कृषि विज्ञान केंद्र के समन्वयक और प्रधान वैज्ञानिक डॉ. बीआर कांबोज से बातचीत के अंश इस प्रकार हैं :

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    कितने क्षेत्र पर धान की रोपाई हो चुकी है?

    करीब 60 प्रतिशत क्षेत्र में धान की रोपाई हो चुकी है। खिजराबाद और छछरौली में रोपाई कम हुई है। बारिश हो चुकी है। अब रोपाई को गति मिलेगी।

    रोपाई कब तक की जा सकती है?

    142-145 दिन में पकने में पकने वाली किस्मों को 7 जुलाई तक रोप दें। 120 दिनों तक पकने वाली कम अवधि की किस्मों की रोपाई पूरा जुलाई कर सकते हैं।

    किन-किन बातों का ध्यान रखें?

    दो से तीन सेंटीमीटर गहराई पर पौधा लगाएं, पौधे से पौधे की दूरी 15 सेंटीमीटर और लाइन से लाइन की दूरी 20 होनी जरूरी है। ऐसा किए जाने से खेत में पौधों की संख्या पर्याप्त होगी और भरपूर पैदावार मिलेगी।

    प्रति एकड़ कितना यूरिया डालें?

    मोटी धान में दो से सवा दो बैग, हाइब्रिड में ढेड़ से दो बैग और बासमती में केवल एक ही बैग यूरिया का डालें।

    दबाई का खाद रोपाई से पहले डालें या बाद में?

    दबाई का खाद पोटाश, ¨जक, फासफोरस आदि कोशिश करें कि खेत तैयारी के तुरंत बाद डाल दें। यदि संभव नहीं हो तो एक सप्ताह कें अंदर-अंदर डाल दें।

    खेत में पानी कितना रखें?

    धान के खेत में चार से पांच सेंटीमीटर से अधिक पानी न हो। यदि पानी अधिक होगा तो विकास पर विपरीत असर पड़ेगा। 15 दिन बाद एक बार पानी सुखाकर हवा अवश्य लगा लें।

    डीएपी खाद कैसे डालें?

    ¨जक को डीएपी और सुपर में मिलाकर न डालें। यदि किसान ऐसा करते हैं तो पौधे को न ¨जक मिलेगा न ही खाद का लाभ होगा। बेशक एक दिन डाल दें, लेकिन अलग-अलग कर डालें। तभी फसल को फायदा होगा।

    दीमक हो तो क्या करें?

    पानी में कभी भी दीमक नहीं होती। खेत किनारे-किनारे हो सकती है, क्योंकि यहां पानी कम पहुंचता है। ¨चता करने की जरूरत नहीं है, इससे अधिक नुकसान नहीं होता। इसके अलावा 35 दिन से पहले किसी भी कीड़ेमार दवाई की आवश्यकता नहीं है। कुछ किसान 10 दिन बाद ही डालना शुरू कर देते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए। यदि आवश्यकता है तो 35 दिन के बाद ही डालें और बिना वैज्ञानिक सलाह के न डालें।

    पीलापन हो तो क्या करें?

    धान में पीलापन होने का कारण यूरिया की कमी या फिर ¨जक की कमी है। यदि धान में पीलापन है और पत्तों पर जंग के निशान हैं तो ¨जक और यूरिया का छिड़काव कर सकते हैं। पांच किलो यूरिया और एक किलो ¨जग 21 प्रतिशत को 200 लीटर पानी में मिलाकर, 10 से 15 दिन के अंतराल में दो बार छिड़काव करें।

    धान की पैदावार कैसी रहने की उम्मीद है?

    मौसम और परिस्थिति को देखते हुए धान की पैदावार अव्वल रहेगी। बारिश समय पर शुरू हो गई है। भरपूर फायदा मिलेगा।

    गन्ने का रखरखाव कैसे करें?

    इन दिनों हो रही बारिश गन्ने की फसल के लिए फायदेमंद है। पछेती गन्ना में नाइट्रोजन की मात्रा पूरी कर दें। यदि कीड़ी की समस्या है, तो किसान घबराएं न। बारिश से यह अपने आप ही दूर हो जाएगी।