.. जब संजीवनी की सुमेरु पर्वत उठा लाए हनुमान
संवाद सहयोगी, बिलासपुर : छलौर के रामलीला राम क्लब में लक्ष्मण मूर्छित के दृश्य का मंचन किया गया। मात
संवाद सहयोगी, बिलासपुर : छलौर के रामलीला राम क्लब में लक्ष्मण मूर्छित के दृश्य का मंचन किया गया। माता निकुंबला की पूजा करने के पश्चात मेघनाद शक्ति वाण से लक्ष्मण को मूर्छित कर देता है। लक्ष्मण को मूर्छित देख श्रीराम की चिंता बढ़ जाती है। तब हनुमान आगे आकर कहता है कि उनके उपचार के लिए संजीवनी बूटी को लेने के लिए निकल पड़ता है। पहाड़ पर पहुंच कर हनुमान को कुछ नहीं सूझता तो वह पूरा का पूरा पहाड़ उठा लाता है। क्लब के सदस्य शिवदत्त कांबोज ने कहा कि श्रीराम के जीवन से शिक्षा ग्रहण करने आदर्श जीवन व्यतीत करना चाहिए। रामलीला केवल मंचन करने के लिए नही अपितु जीवन को सही तरह से जीने की कला को भी सिखाती है। रामलीला का प्रत्येक पात्र हमारे जीवन को कुछ न कुछ शिक्षा प्रदान करता है। क्लब की ओर से भ्रूणहत्या को रोकने व इस कुरीति के प्रति लोगों को जागरूक करने का आह्वान भी किया गया। क्लब सदस्यों की ओर से उपस्थित लोगों को संकल्प दिलाया गया कि वह बेटी को बेटे की तरह ही पालन पोषण करेंगे ओर बेटे की तरह ही संस्कार प्रदान करेंगे। इस मौके पर जय प्रकाश, रोणकी राम, मदन पाल कश्यप, अशोक, कंवर पाल, धर्मेद्र, सतीश कुमार, राजिंदर, कुलवंत सिंह आदि थे।
'प्राचीन संस्कृति की झलक को दिखाती रामलीला'
रादौर : जठलाना के राम कृष्ण ड्रामेटिक क्लब के तत्वावधान में आयोजित रामलीला में बसपा नेता संजीव राणा पालेवाला मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित हुए। संजीव राणा पालेवाला ने रामलीला के सभी 47 कलाकारों को उनके उल्लेखनीय योगदान को लेकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि रामलीला प्राचीनकाल से देश के हर गाव में आयोजित होती आ रही है।
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