Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गन्ना किसानों को मालामाल करेगी 8436 किस्म

    By Edited By:
    Updated: Sat, 05 Apr 2014 01:06 AM (IST)

    संजीव काबोज, यमुनानगर

    अतीत में गन्ना किसानों के दिलों से उतर चुकी गन्ने की 8436 किस्म एक बार चाहत बन सकती है। कैंसर (रेड रॉड) की रोकथाम के लिए शुगर मिल के किए गए परीक्षण सफल हो गए हैं। विशेषज्ञों की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंप दी गई है। उच्चाधिकारियों के मुताबिक गन्ना उत्पादक किसानों के लिए यह एक बहुत बड़ी राहत की बात है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बता दें कि मिल के दायरे में आने वाला रकबा एक लाख हेक्टेयर के आसपास रहता है और यदि ऐसा हुआ तो करीब 25 हजार उत्पादक किसान के लिए यह बड़ी राहत साबित हो सकती है। गन्ने की 8436 किस्म एक बार पूरी खेतों में राज कर चुकी थी, लेकिन रेड रॉड गन्ने का खाने लगी थी और धीरे-धीरे इस किस्म से उत्पादकों का मोह भंग होने लगा था।

    गन्ने की खेती को लेकर जिला यमुनानगर काफी अग्रणी रहा है। सीजन 2014-15 में गन्ने का रकबा एक लाख हेक्टेयर पार कर सकता है। गत चार-पांच वर्षो की बात की जाए तो कुल रकबे के 75 से 80 प्रतिशत भाग पर गन्ने की 8436 किस्म पैदा होती थी। किस्म में खास बात यह थी कि लागत कम और पैदावार अधिक होती थी, लेकिन धीरे-धीरे उक्त किस्म का रकबा कम होता चला गया। कारण कुछ और नहीं रेड राड बताया जा रहा है। रेड राड को गन्ने का कैंसर कहा जाता है और यह पैदावार को बुरी तरह प्रभावित करना लगा। चिंता न केवल किसानों की बढ़ी, बल्कि मिल प्रशासन की नींद उड़ने लगी, क्योंकि यह किस्म पैदावार और रिकवरी दोनों के लिए चर्चित है। स्थिति ऐसी पैदा हो गई कि किसानों ने उक्त किस्म की बिजाई करना बंद कर दिया और रकबा 35-40 प्रतिशत पर सिमट गया।

    स्थिति बिगड़ती देख मिल प्रशासन द्वारा इस दिशा में प्रयास शुरू कर दिए और रेड रॉड की रोकथाम के लिए किस्म पर परीक्षण करने शुरू कर दिए। किसान के खेत से लेकर प्रयोगशाला तक किस्म को बचाने के प्रयास शुरू हो गए। करीब दो वर्ष की मेहनत के बाद विशेषज्ञों ने रेड रॉड पर काफी हद तक नियंत्रण पा लिया और खेतों में स्वस्थ गन्ना दिखाई देने लगा। मिल अधिकारियों के मुताबिक भविष्य में रेड रॉड की संभावना न के बराबर रह गई और सफल परीक्षण के बाद अब उत्पादक किसान निश्चिंत होकर उक्त किस्म की बिजाई कर सकते हैं।

    फसल को खत्म कर देती रेड रॉड

    रेड राड गन्ने की फसल का दुश्मन माना जाता है और खड़ी फसल को खत्म कर देती है। हालांकि कीट छोटा सा है, लेकिन किसानों व मिल के लिए खतरा बन गया था। इस दिशा में मिल के विशेषज्ञों द्वारा उत्पादकों का ध्यान बीजोपचार पर केंद्रित करने के साथ जागरूकता अभियान भी चलाए, ताकि किस्म को लुप्त होने से बचाया जा सके। उत्पादक किसान पवन कुमार व मुकेश कुमार के मुताबिक उक्त किसान पैदावार की दृष्टि से काफी बेहतर है, लेकिन रेड रॉड के कारण बिजाई कम हो गई थी। यदि रेड रॉड की समस्या नहीं रही तो किस्म चुनिंदा किस्मों में से एक है।

    गन्ने की अगेती किस्म 118, 229 और सीओजे-85 के अतिरिक्त किसान 8436 किस्म की बिजाई कर सकते हैं। 8436 में अब रेड रॉड की संभावना न के बराबर रह गई है, जो परीक्षण शुगर मिल के किए गए परीक्षण से सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। किसानों को चाहिए कि स्वस्थ बीज की बिजाई करें।

    डीपी सिंह, वाइस प्रेसीडेंट, सरस्वती शुगर मिल।

    comedy show banner
    comedy show banner