33 किलोमीटर का ‘हॉटस्पॉट जोन’: सोनीपत में ट्रेनों पर बढ़ी पत्थरबाजी, अब सख्ती से निपटेगी आरपीएफ
सोनीपत में रेलवे ट्रैक पर पत्थरबाजी की घटनाओं को रोकने के लिए आरपीएफ 'ऑपरेशन दोस्ती' चला रही है। गन्नौर से नरेला तक के 33 किलोमीटर के क्षेत्र में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। आरपीएफ की टीम स्कूलों और गांवों में जाकर लोगों को पत्थरबाजी के खतरों के बारे में बता रही है। इस अभियान से घटनाओं में कमी आई है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
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लोगों को पत्थरबाजी से रोकने के लिए जागरूक करते आरपीएफकर्मी। सौ. आरपीएफ
विष्णु कुमार, सोनीपत। रेलवे की तरफ से यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के साथ ही हाईस्पीड ट्रेनों के परिचालन पर जोर दिया जा रहा है। इसी कड़ी में दिल्ली-अंबाला रेलमार्ग पर भी ट्रेनों की गति बढ़ाने के साथ ही कई हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेनें दौड़ रही हैं, लेकिन ट्रेनों पर बढ़ती पत्थरबाजी रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। 10 महीनों में इस रूट पर वंदे भारत एक्सप्रेस पर सात बार पत्थर फेंके जा चुके हैं, जिससे इसकी खिड़कियों व कोच ढांचे को नुकसान हुआ है।
गन्नौर से लेकर नरेला तक 33 किलोमीटर लंबा यह रेलखंड सबसे संवेदनशील हाटस्पाट जोन बन गया है। बढ़ती घटनाओं को देखते हुए आरपीएफ कड़ाई से निपट रही है। पत्थरबाजी की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए आरपीएफ की तरफ से लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। फरवरी में वंदे भारत पर पत्थर फेंकने के एक आरोपित को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि अन्य आरोपितों की पहचान करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
‘ऑपरेशन दोस्ती’ बना सुरक्षा का आधारस्तंभ
आरपीएफ ने ट्रैक के दोनों ओर बसे गांवों व शहरी बस्तियों में ‘ऑपरेशन दोस्ती’ नाम से विशेष जागरूकता अभियान चलाया है। इसके तहत टीम स्कूलों, कालेजों, आइटीआइ और समुदायिक स्थलों पर जाकर लोगों को ट्रेनों पर पत्थर फेंकने के गंभीर परिणामों के बारे में जानकारी दे रही है।
अभियान का उद्देश्य ग्रामीणों और युवाओं को यह समझाना है कि यह सिर्फ शरारत नहीं, बल्कि ट्रेनों की सुरक्षा और यात्रियों की जान के लिए खतरा है। टीम में शामिल सब इंस्पेक्टर शहाबूद्दीन, एएसआई राजपाल व एएसआइ सुमनलता लोगों को बताती हैं कि एक छोटा पत्थर भी तेज रफ्तार ट्रेन की खिड़की तोड़कर अंदर बैठे यात्रियों को गंभीर चोट पहुंचा सकता है। वंदे भारत जैसी हाई-स्पीड ट्रेनें पत्थरबाजी से विशेष रूप से प्रभावित होती हैं, क्योंकि उनकी गति अधिक होने से प्रभाव और अधिक खतरनाक हो जाता है।
नंबर गेम
- 10 माह में गन्नौर से नरेला तक सात बार निशाना बनी वंदे भारत, एक की गिरफ्तारी
- 62 लोगों के खिलाफ रेलवे लाइन के पार करने व बिना वजह घूमने के मामले किए दर्ज
- 06 किलोमीटर के नरेला से राठधना स्टेशन के बीच होती हैं सबसे ज्यादा घटनाएं
निगरानी बढ़ी, सख्त कार्रवाई भी
आरपीएफ ने जनवरी से अब तक रेलवे लाइन के आसपास संदिग्ध रूप से घूमने और पटरियों को अवैध रूप से पार करने के आरोप में 62 व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की है। कई स्थानों पर गश्त बढ़ाई गई है। टीम में शामिल तीनों अधिकारी स्टेशन पर, रेलवे लाइन किनारे बसे आबादी वाले क्षेत्रों, खेतों में जाकर लगातार बच्चों, युवा, महिला व पुरुषों को जागरूक कर रहे हैं।
साथ ही बता रहे हैं कि दोषियों को रेलवे एक्ट की धारा 153, 154 और 147 के तहत कड़ी सजा का सामना करना पड़ेगा, जिसमें जुर्माना और जेल दोनों का प्रावधान है। आरपीएफ का दावा है कि आने वाले दिनों में इस रूट को पत्थरबाजी से पूरी तरह मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
इस वर्ष वंदे भारत पर कब-कब हुई पत्थरबाजी
- 04 जनवरी को नरेला से राठधना स्टेशन के बीच गाड़ी संख्या 20978 अजमेर वंदे भारत एक्सप्रेस पर पत्थरबाजी हुई।
- 10 जनवरी को गन्नौर से भोड़वाल माजरी स्टेशन के बीच गाड़ी संख्या 20977 चंडीगढ़ वंदे भारत एक्सप्रेस पर पत्थर फेंके गए।
- 05 फरवरी को गन्नौर से भोड़वाल माजरी स्टेशन के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस पर पत्थर फेंके गए।
- 09 फरवरी को राठधना से नरेला स्टेशन के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस पर पत्थर फेंके गए।
- 12 फरवरी को सांदल कलां से सोनीपत के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस पर पत्थरबाजी की गई, जिसमें एक को गिरफ्तार किया गया।
- 17 मार्च को राठधना से नरेला स्टेशन के बीच वंदेभारत एक्सप्रेस पर पत्थरबाजी की गई।
- 18 मई को गन्नौर से राजलू गढ़ी स्टेशन के बीच गाड़ी संख्या 20978 अजमेर वंदे भारत एक्सप्रेस पर पत्थर फेंके गए।
ट्रेनों पर बढ़ती पत्थरबाजी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए टीम लगातार ट्रैक पर नजर रखे हुए है। नरेला से लेकर गन्नौर स्टेशन तक ऑपरेशन दोस्ती के तहत जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। हमारी टीम रेलवे लाइन किनारे गश्त करते हुए लोगों को पत्थरबाजी से होने वाले नुकसान व कार्रवाई से अवगत करा रही है। अभियान के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं और घटनाओं में कमी आई है।
संगम यादव, थाना प्रभारी, आरपीएफ

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