सोनीपत में दिन में बनी सड़क रात को टूटी, दिल्ली मार्ग पर लापरवाही की हद; ट्रैफिक यूनिट पर उठे सवाल
सोनीपत में दिल्ली मार्ग पर सड़क निर्माण में बड़ी लापरवाही सामने आई है। दिन में बनी सड़क रात होते-होते टूट गई, जिससे सड़क की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। इस घटना के बाद ट्रैफिक यूनिट की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं, और स्थानीय लोगों ने मामले की जांच की मांग की है ताकि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
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पिपली में शनिवार को बनाई गई कंक्रीट की सड़क, जोकि रात को गुजरे भारी वाहनों के कारण बिखर गई है और मौके से गुजर रहे भारी वाहन। जागरण
संवाद सहयोगी, खरखौदा। बाबा बंदा सिंह बहादुर स्टेट हाईवे-18 के निर्माण के दौरान जिम्मेदार विभागों की लापरवाही के चलते लाखों रुपये की लागत से बनाई जा रही सड़क एक ही रात में टूट-फूट गई। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की ओर से शनिवार को पिपली गांव से होकर गुजरने वाले मार्ग पर सीमेंटेड सड़क निर्माण का कार्य शुरू किया गया था। इस दौरान विभाग की तरफ से सड़क के एक हिस्से पर कंक्रीट की पहली लेयर डाली गई थी, लेकिन रात को इस पर से भारी वाहन गुजर गए और पूरी सड़क खराब हो गई।
इस सड़क निर्माण पर लोक निर्माण विभाग सात करोड़ रुपये खर्च कर रहा है। एसडीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक में स्पष्ट आदेश दिए गए थे कि निर्माण कार्य के दौरान इस मार्ग से भारी वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद रहेगी। इसके लिए ट्रैफिक यूनिट को जिम्मेदारी सौंपी गई थी और रूट डायवर्जन का नक्शा भी उन्हें सौंपा गया था, लेकिन शनिवार रात को ही ट्रैफिक यूनिट ने लापरवाही बरती और भारी वाहनों को इसी मार्ग से निकलने दिया।
नतीजा यह हुआ कि दिनभर में डाली गई नई सीमेंटेड सड़क जगह-जगह से टूट गई और सतह उखड़ गई। रविवार सुबह जब गांव वाले घरों से बाहर निकले तो उनका माथा ठनक गया, एक दिन पहले ही की गई मेहनत पर पानी फिरा देख ग्रामीण विभागों की लापरवाही को लेकर सवाल उठाते नजर आए। स्थानीय लोगों का कहना है कि ट्रैफिक यूनिट को पहले ही चेताया गया था कि भारी वाहनों को इस मार्ग से हटाया जाए, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।
कहने को तो गांव के दोनों तरफ दीवार भी खड़ी की गई थी, ताकि भारी वाहन रोके जा सके, लेकिन ऐसा हुआ नहीं और तोड़ दी गई। लोगों का कहना है कि अगर यही हालात रहे तो खरखौदा-दिल्ली मार्ग बनने के बाद भी लंबे समय तक टिक नहीं पाएगा। निर्माण की गुणवत्ता और रखरखाव के साथ-साथ यातायात नियंत्रण में भी जिम्मेदारी तय करना जरूरी है, ताकि जनता के पैसे से बनी सड़कों का लाभ लंबे समय तक मिल सके।
रात को भारी वाहनों की आवाजाही से बिछाया गया कंक्रीट का बेड क्षतिग्रस्त हो गया। जिसे न केवल ठीक करवाया जा रहा है, बल्कि ट्रैफिक पुलिस को भी अपनी जिम्मेदारी संभालने को कहा गया है, ताकि ऐसी समस्या दोबारा न आए।
-सुमित कौशिक, जेई लोक निर्माण विभाग

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