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    आइक्यू एयर बता रहा AQI 168, सरकारी आंकड़े कह रहे देश में सबसे प्रदूषित रहा सोनीपत

    Updated: Thu, 06 Nov 2025 07:52 AM (IST)

    सोनीपत औद्योगिक उत्सर्जन और कूड़ा जलने के कारण देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है, जहां AQI 313 तक पहुंच गया। पानीपत और जींद भी अत्यधिक प्रदूषित रहे। निगरानी स्टेशन बंद होने के बावजूद प्रदूषण का स्तर बढ़ा। ग्रेप-2 के नियमों का उल्लंघन होने पर भी स्थिति गंभीर बनी हुई है, जिसके चलते अधिकारियों ने सख्ती बरतने की बात कही है।

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    विष्णु कुमार, सोनीपत। औद्योगिक उत्सर्जन, निर्माण गतिविधियों और खुले में जलते कूड़े के कारण सोनीपत बुधवार को देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट के अनुसार, शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 313 दर्ज किया गया, जो बहुत खराब श्रेणी में आता है।

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    दिलचस्प बात यह है कि वैश्विक वायु गुणवत्ता मॉनिटरिंग एजेंसी (आइक्यू एयर) ने सोनीपत का एक्यूआई 168 दर्ज किया, जो मध्यम श्रेणी में गिना जाता है। आइक्यू एयर के अनुसार यह देश में कोलकाता (194 एक्यूआई) के बाद सबसे अधिक प्रदूषित शहर है।

     लोगों को महसूस हो रही आंखों में जलन 

    सीपीसीबी की रिपोर्ट के अनुसार पानीपत 302 एक्यूआई के साथ सर्वाधिक प्रदूषण में दूसरे और जींद 301 एक्यूआई के साथ तीसरे स्थान पर रहे। जिले में बुधवार को शहर में दिनभर धूप खिली रही और खुले आसमान के कारण स्मॉग जैसी स्थिति नजर नहीं आई। इसके बावजूद हवा में सूक्ष्म कण (PM2.5 और PM10) का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ा हुआ पाया गया। हालांकि सुबह और शाम के समय हल्की स्माग की परत छाने से लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में परेशानी महसूस हो रही है।

    विशेषज्ञों के अनुसार कूड़े में आग लगाने, वाहनों से उत्सर्जन और फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है। दो दिन से बंद था निगरानी स्टेशन, फिर बढ़ा प्रदूषण स्तर जिले में पिछले दो दिनों से वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन (मॉनीटरिंग सिस्टम) तकनीकी दिक्कतों के कारण ठप पड़ा हुआ था। बुधवार शाम को जैसे ही निगरानी तंत्र फिर से सक्रिय हुआ, प्रदूषण का स्तर उछलकर 313 तक पहुंच गया, जो देशभर में उस दिन का सबसे अधिक आंकड़ा रहा।

    ग्रेप-2 की पाबंदियों के बावजूद उड़ रही धूल दिल्ली-एनसीआर में लागू ग्रेडेड रिस्पान्स एक्शन प्लान (ग्रेप-2) के तहत निर्माण कार्यों पर रोक, डीजल जेनरेटरों के उपयोग पर प्रतिबंध और पानी के छिड़काव जैसे कदम अनिवार्य किए गए हैं। इसके बावजूद राई इंडस्ट्रियल एरिया, ओल्ड डीसी रोड, कुंडली बार्डर और शहर के अन्य क्षेत्रों में खुले में धूल उड़ती रही और कूड़े में आग लगाने की घटनाएं भी सामने आईं।

     


    जिले में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। ग्रेप-2 की पाबंदियों को सख्ती से लागू करवाया जा रहा है। संबंधित विभागों को लगातार पानी का छिड़काव करने के निर्देश दिए गए हैं। हमारी टीमें निगरानी में जुटी हैं और अवहेलना करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


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    - अजय मलिक, एनवायरमेंटल इंजीनियर एवं क्षेत्रीय अधिकारी, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सोनीपत