सेक्टर-27 के पूर्व एसएचओ की जांच करेगी क्राइम ब्रांच मधुबन
सेक्टर-12 की रहने वाली महिला की शिकायत पर सेक्टर-27 एसएचओ पर जांच की तलवार लटकी है। महिला ने डीजीपी से मिलकर सेक्टर-27 थाना के एसएचओ पर गंभीर आरोप लगा ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, सोनीपत : सेक्टर-12 की रहने वाली महिला की शिकायत पर सेक्टर-27 के पूर्व एसएचओ पर जांच की तलवार लटकी है। महिला ने डीजीपी से मिलकर सेक्टर-27 थाना के तत्कालीन एसएचओ पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन पर आरोपितों से मिलकर लाभ पहुंचाने का आरोप लगा है। महिला ने गाजियाबाद के अपने पति और सास-ननद पर दहेज की मांग को लेकर उत्पीड़न करने और जान से मारने की नियत से दूध में जहर पिलाने का आरोप लगाया था। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर इस मामले की जांच की थी। विधि विज्ञान प्रयोगशाला को भेजे सैंपल में महिला के पेट में बड़ी मात्रा में जहर होने की पुष्टि हुई थी। महिला का आरोप है कि तत्कालीन एसएचओ ने आरोपितों से मोटी धनराशि लेकर गंभीर धाराओं को हटा दिया। इसके विरोध में महिला ने चार जनवरी को एसपी आफिस पर धरना भी दिया था। इस मामले में एसएचओ प्रवीण कुमार को छुट्टंी पर भेज दिया गया है और वजीर सिंह रेढू को एसएचओ तैनात किया गया है।
यह था मामला-
सेक्टर-12 के रहने वाले सुरेंद्र खापरा ने छह अगस्त को सेक्टर-27 थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उनका आरोप था कि बेटी सुनंदा की शादी गाजियाबाद के वैशाली के रहने वाले रोहित डबास के साथ 11 दिसंबर 2020 को की थी। शादी के बाद से ससुराल के लोग उसको अतिरिक्त दहेज के लिए परेशान कर रहे थे। इसके चलते पांच अगस्त की रात को उसको दूध में मिलाकर जहर पिला दिया। उसको तत्काल निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पर पांच दिन बाद उसको होश आया। पुलिस ने इस मामले में सुनंदा के बयान पर उसके पति रोहित डबास, ससुर दलवीर डबास, सास ऋतु डबास और ननद रेनू डबास को नामजद किया था। धाराओं में किया खेल:
इस मामले में रिपोर्ट धारा 498ए, 406, 506 और 328 आइपीसी के तहत दर्ज की गई थी। सुनंदा ने बताया कि जहर खिलाने की धारा 328 के कारण आरोपितों की अग्रिम जमानत नहीं हो पा रही थी। सेशन कोर्ट और हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत खारिज हो जाने के बाद आरोपितों ने एसएचओ से सेटिग की। एसएचओ ने अपनी जांच में 328 को हटा दिया। इससे आरोपितों को बाहर से बाहर जमानत मिल गई। इस मामले में तत्कालीन एसएचओ ने ससुराल पक्ष से 10 लाख रुपये और करीब 18 लाख रुपये के उसके आभूषण ले लिए। अब सुनंदा को ही फैसला करने के लिए धमकाने लगे। महिला ने तत्कालीन एसएचओ और डीएसपी पर आरोपितों से मिले होने के आरोप लगाए हैं। पहले महिला एसएचओ को सौंपी थी जांच:
एसपी ने इस मामले की जांच सेक्टर-27 से हटाकर महिला थाना की एसएचओ को सौंपी थी। उसके बाद सुनंदा ने डीजीपी से मुलाकात की और एसएचओ पर गंभीर आरोप लगाए। सुनंदा का कहना है कि उसके पास कई प्रभावी साक्ष्य हैं, जिनसे तत्कालीन एसएचओ और आरोपितों की मिलीभगत साबित हो जाएगी। डीजीपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच अब क्राइम ब्रांच मधुबन को सौंप दी है।

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