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    Sonipat Crime: प्राइवेट बैंक के गेट पर ताला लटका देख लोगों को उड़े होश, करोड़ों की ठगी की आशंका 

    Updated: Sun, 26 Oct 2025 03:28 PM (IST)

    सोनीपत में एक प्राइवेट बैंक के दरवाजे पर ताला लटका मिला, जिससे लोगों में दहशत फैल गई। आशंका है कि बैंक में करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी हुई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और बैंक अधिकारियों से संपर्क साधने का प्रयास कर रही है। घटना से इलाके में सनसनी फैल गई है।

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    शिकायत लेकर थाने पहुंचे लोग।

    जागरण संवाददाता, गोहाना। क्षेत्र के कई लोग उस समय हैरान रह गए जब वे निजी बैंक में गए और वहां ताला लटका मिला। लोगों का आशंका है कि बैंक पर ताला लटकने से उनसे करोड़ों रुपये की ठगी हो सकती है। लोगों का कहना है कि उनकी एफडी व आरडी दो-तीन माह में पूरी होनी है लेकिन अब बैंक पर ताला लगा दिया गया। अधिकतर लोग एजेंटों के माध्यम से रुपये जमा कराते थे। बैंक पर ताला लगा मिलने पर लोग एकत्रित होकर शहर थाना में गए और रुपये दिलाने की मांग की।

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    शहर में कुछ लोगों द्वारा कुछ वर्ष पहले निजी बैंक शुरू किया गया था। शहर में उसका कार्यालय भी खोला गया। शनिवार को भी कई लोग बैंक पहुंचे तो वहां ताला लगा मिला। इसके बाद लोग थाना पहुंचे और रुपये वापस दिलाने की मांग की। गांव गढ़ी उजाले खां के बलजीत ने कहा कि उसने एजेंट को 11 लाख रुपये दिए थे।

    एजेंट ने निजी बैंक में रुपये जमा कराने की बात कही थी लेकिन उसे कोई दस्तावेज नहीं दिया था। गांव एपी माजरा के लोकेश ने कहा कि वह 2023 में बैंक से जुड़ा था। उसने कई लोगों के लगभग 32 लाख रुपये जमा कराए थे। बैंक द्वारा लोन भी दिया जाता था। शुरुआत में ठीक काम किया गया। अब 29 अक्टूबर को रुपये मिलने थे। अब बैंक बंद हो गया। गांव गढ़ी उजाले खां के एक ग्रामीण ने कहा कि एजेंट के कहने से निजी बैंक में लाखों रुपये जमा कराए। गांव गढ़ी उजाले खां के सुरेश ने कहा कि ढाई लाख की एफडी कराई थी।

    तीन साल से मासिक किस्त भी जमा करा रहा था। एजेंट रुपये लेकर जाता था। पालेराम ने कहा कि एजेंट के माध्यम से प्रति माह 10 हजार रुपये जमा करता था। कापी पूरी होने में तीन माह बचे थे। लोगों ने पुलिस अधिकारियों से रुपये वापस दिलाने की गुहार लगाई। फिलहाल पुलिस अधिकारी इस मामले में कुछ नहीं बोल रहे हैं। कुछ दिन पहले गोहाना में इसी तरह से एक प्राइवेट बैंक बंद हो गया था, जिसमें लोगों के करोड़ों रुपये फंस गए थे।