बिना देखभाल कोई पौधा नहीं बनता पेड़, सभी निभाएं अपनी जिम्मेदारी
वन विभाग की ओर से जिले में फलदार और छायादार पौधों के रोपण पर ही जोर दिया जा रहा है। अधिकारियों की मानें तो जिले में न तो बगैर देखभाल के उगने वाले पौधो ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, सोनीपत : वन विभाग की ओर से जिले में फलदार और छायादार पौधों के रोपण पर ही जोर दिया जा रहा है। अधिकारियों की मानें तो जिले में न तो बगैर देखभाल के उगने वाले पौधों को तवज्जो दी जाती है और न ही यहां ऐसे पौधे उग रहे हैं। अगर उग भी जाएं तो वे पेड़ नहीं बन पाएंगे, क्योंकि फसलों के अवशेष जलाने का सीधा नुकसान पौधों को होता है। अधिकारियों ने लोगों से पौधों की देखभाल करने की अपील की।
जिले में पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए वन विभाग की ओर से हर वर्ष पौधे लगाने का लक्ष्य रखा जाता है। इसके लिए विभाग के अधिकारी पहले नर्सरी में पौध तैयार करते हैं। उसके बाद सड़क किनारे, फ्लड एरिया, नहरों के आसपास, खाली पड़ी जमीन समेत अन्य जगह पर लगाए जाते हैं। अभी तक विभाग की ओर से फलदार और छायादार पौधों के रोपण पर ही जोर दिया जा रहा है। इनमें नीम, पीपल, बरगद, आम, जामुन, गुलमोहर आदि किस्में शामिल हैं। इनके अलावा बहुत पौधे ऐसे हैं, जिन्हें ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं पड़ती। इन्हें थेथर किस्म के पौधे भी कहा जाता है। सोनीपत जिले में ऐसी किस्म के पौधा का न तो रोपण होता हैं और न ही कहीं पर भी उगे हुए हैं। जिले में केवल छायादार और फलदार पौधों का रोपण होता है, जिनमें अधिकतर पेड़ भी बन चुके हैं। सोनीपत जिले में एक भी पौधा ऐसा नहीं है, जो बगैर देखभाल के पेड़ बन गया हो। अगर कोई पौधा अपने आप उग भी जाए तो वे पेड़ नहीं बन सकता। इसका मुख्य कारण खेतों में फसलों के कटने के बाद अवशेष जलाना है। इससे पौधों को काफी नुकसान होता है। इस कारण फलदार और छायादार पौधे भी समाप्त हो रहे हैं। पर्यावरण के प्रति सभी को जागरूक होना पड़ेगा।
- राजेश वत्स, जिला वन अधिकारी, सोनीपत

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