Yamuna Flood: यमुना में उफान से सोनीपत में फसलों को भारी नुकसान, फरीदाबाद में 300 घर डूबे; पलवल में बाढ़ का अलर्ट
हथनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण यमुना नदी में उफान आ गया है जिससे सोनीपत फरीदाबाद और पलवल में अलर्ट जारी किया गया है। निचले इलाकों में पानी भरने से फसलें डूब गई हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। प्रशासन राहत कार्य में जुटा है और प्रभावित क्षेत्रों में सहायता पहुंचाई जा रही है।

जागरण संवाददाता, सोनीपत। हथनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने से यमुना उफान पर है। इससे सोनीपत की सीमा में नदी की वैली में खड़ी फसलें जलमग्न हो गई हैं। फसलों को भारी कटाव के कारण नुकसान हुआ है। यहां पर जाजल टोंकी गांव के ग्रामीणोंं को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया है।
वहीं डीसी, एडीसी ने यमुना घाटों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और राहत सामग्री का वितरण किया। वहीं फरीदाबाद की सीमा में बसंतपुर गांव में 300 घर पानी में डूब गए हैं। यहां प्रशासन ने 70 लोगों को बचाया है।
फरीदाबाद के 12 गांवों को संवेदनशील घोषित किया गया है। उधर पलवल जिले की सीमा में यमुना खतरे के निशान के पास बह रही है। जिले के आठ सरकारी स्कूलोंं में छुट्टी घोषित कर दी गई है। दो गांवों को खाली करा लिया गया है। तीनों जिलों में प्रशासन अलर्ट मोड पर हैं।
गुरुवार देर शाम तक फरीदाबाद में यमुना में ढाई लाख क्यूसेक पानी बह रहा था। देर रात तक इसके बढ़ने की आशंका जाहिर की गई थी। यमुना नदी में बाढ़ का सबसे अधिक असर बसंतपुर गांव में देखने को मिल रहा है।
यहां 300 से अधिक मकान डूब गए हैं और लगातार मकान चपेट में आते जा रहे हैं। इसके अलावा बाकी गांव में नदी का पानी खेतों में घुस गया है। जिला प्रशासन ने यमुना नदी से सटे हुए 12 गांव को अति संवेदनशील घोषित किया है। प्रशासन की ओर से इन सभी शिविरों में रहने और खाने की व्यवस्था की गई है।
बुधवार को करीब 70 लोगों को रेस्क्यू किया गया और सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। जिला प्रशासन के साथ-साथ विभिन्न स्थानों की पुलिस भी नदी किनारे डेरा डाले हुए है।। जिला उपायुक्त विक्रम सिंह ने लोगों से अपील की है कि इस समय यमुना नदी के किनारे पर न जाएं और अफवाहों पर विश्वास न करें।
पलवल में दो गांवों को खाली कराया गया
पलवल में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 615 फुट के नजदीक पहुंच गया है। बाढ़ का पानी यमुना नदी किनारे बसे खादर के गांवों के खेतों में पहुंच गया है। बाढ़ की आशंका को देखते हुए इंदिरा नगर और मोहबलीपुर गांवों को खाली करा लिया गया तथा यमुना किनारे बसे गांवों के आठ सरकारी स्कूलों में भी छुट्टी कर दी गई है।
प्रशासन ने 20 गांवों को बाढ़ के लिए अलर्ट जारी किया है। यमुना किनारे बसे गांवों में पहले ही लगातार वर्षा और पहले छोड़े गए पानी से अबतक करीब तीन हजार एकड़ फसल प्रभावित हो चुकी है। अभी तक यमुना नदी के पानी से आबादी को ज्यादा खतरा नहीं है।
प्रशासन का पूरा जोर आबादी में पानी को घुसने से रोकने पर है। इसके लिए गांवों की आबादी के करीब सिंचाई विभाग द्वारा रेती से भरे कट्टों के तटबंध बनाने का कार्य जोर-शोर से जारी रहा।
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