गोहाना में ड्रेन आठ में जलस्तर घटने से मिली राहत, खतरा बरकरार
गोहाना में बार-बार बदलते मौसम से लोग परेशान हैं। 1995 की बाढ़ की यादें ताजा हो गई हैं। क्षेत्र के प्रमुख ड्रेन आठ में जलस्तर कुछ कम हुआ है लेकिन बारिश से फिर परेशानी बढ़ गई। सफीदों और पानीपत से बारिश का पानी गोहाना पहुंचने से नाले भर गए। ड्रेन आठ में जलस्तर घटने से थोड़ी राहत मिली है पर खतरा अभी टला नहीं है।

जागरण संवाददाता, गोहाना। मौसम बार-बार बदल रहा है। कभी बादल छंटते हैं और दिन में धूप निकलती है, लेकिन थोड़ी ही देर में काले बादल छा जाते हैं। जब भी बादल छाते हैं और बारिश होती है, तो लोगों के जेहन में 1995 की बाढ़ का मंजर घूमने लगता है।
नालों के किनारे तक बह रहा पानी भी क्षेत्र के लोगों की बेचैनी बढ़ा रहा है। शुक्रवार को क्षेत्र के सबसे प्रमुख ड्रेन आठ में जलस्तर कुछ कम हुआ, लेकिन दोपहर बाद अचानक हुई बारिश से परेशानी फिर बढ़ गई।
गोहाना क्षेत्र के अधिकांश नाले तीन दिन पहले तक खाली थे या उनमें बहुत कम पानी बह रहा था। सितंबर की शुरुआत में पहाड़ों पर तेज बारिश हुई थी। क्षेत्र में बादल भी बरसने लगे थे, लेकिन यहां स्थिति नियंत्रण में थी। बुधवार शाम से सफीदों और पानीपत से बारिश का पानी गोहाना पहुंचने लगा।
कुछ ही देर में क्षेत्र के अधिकांश नाले पानी से भर गए। बृहस्पतिवार को क्षेत्र के ड्रेन तीन, ड्रेन चार, नया ड्रेन और ड्रेन आठ ओवरफ्लो हो गए। अधिकारियों ने महमूदपुर गाँव के पास मशीनें भेजकर नाले में मिट्टी भरवाकर स्थिति को नियंत्रित किया। अभी भी नालों में काफी पानी बह रहा है।
शुक्रवार को दिन में तीन-चार बार बादल छंटे और हल्की धूप निकली। कुछ देर बाद फिर से काले बादल छाने लगे। दोपहर करीब चार बजे मौसम बदला और अचानक तेज बारिश शुरू हो गई। इससे क्षेत्र के लोगों और किसानों की धड़कनें बढ़ गईं। 10-15 मिनट बाद जब बारिश रुकी, तो उन्हें फिर से राहत मिली। बार-बार बदल रहे मौसम से किसान और आम लोग परेशान हैं।
- 4 सितंबर को ड्रेन आठ में 5,200 क्यूसेक पानी बह रहा था।
- 5 सितंबर को ड्रेन आठ में पानी घटकर 4,100 क्यूसेक रह गया।
- ड्रेन आठ में 1,100 क्यूसेक पानी कम होने से थोड़ी राहत मिली, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है।
बारिश के कारण पटरी से मिट्टी का कटाव हुआ
क्षेत्र में पाँच दिनों में औसतन 110 मिमी बारिश हो चुकी है। बारिश में ड्रेन 8 की पटरी से कई जगहों पर मिट्टी का कटाव हुआ है। ड्रेन 8 शहर के बीचों-बीच से होकर गुजरती है। आदर्श नगर के पास भी मिट्टी का कटाव हुआ है। अमली गाँव के पास भी कई जगहों पर कटाव हुआ है। अगर जल्द ही पटरी की मरम्मत नहीं हुई और बारिश हुई तो खतरा बढ़ सकता है।
ड्रेन 8 में आधा पानी आने पर मिलेगी राहत
क्षेत्र से लगभग 55 छोटे-बड़े नाले गुजरते हैं। ज़्यादातर लिंक नाले मुख्य ड्रेन 8 में आकर मिलते हैं। जब इस नाले का जलस्तर कम होता है, तो लिंक नालों से इसमें पानी आना शुरू हो जाता है। अभी ड्रेन 8 में किनारों के पास पानी बह रहा है, जिससे लिंक नालों का पानी इसमें नहीं जा पा रहा है। इससे लिंक नालों में भी जलस्तर बढ़ा हुआ है। शुक्रवार को ड्रेन 8 का जलस्तर लगभग एक फुट कम हुआ है। यह नाला लगभग 20 फुट गहरा है।
ड्रेन 8 का जलस्तर थोड़ा कम हुआ है। अभी तक इलाके में स्थिति नियंत्रण में है। अगर मौसम अच्छा रहा तो जल्द ही राहत मिल जाएगी। अधिकारी और कर्मचारी अपने-अपने इलाकों पर नज़र बनाए हुए हैं।
-प्रियव्रत, एसडीओ, सिंचाई विभाग
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