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    Haryana Rain: बेमौसम बारिश फसलों के लिए नुकसानदायक, किसानों की बढ़ी चिंता

    By Jagran NewsEdited By: Swati Singh
    Updated: Fri, 31 Mar 2023 07:46 AM (IST)

    Haryana Rain मौसम विभाग ने पहले ही 30 व 31 मार्च और तीन अप्रैल को बादल छाए रहने हवा चलने के साथ वर्षा होने की संभावना जताई थी। बृहस्पतिवार सुबह ही मौसम में बदलाव हुआ और आसमान में बादल छा गए जिन्होंने किसानों की चिंता बढ़ा दी।

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    बेमौसम बारिश फसलों के लिए नुकसानदायक, किसानों की बढ़ी चिंता

    सोनीपत, जागरण संवाददाता। बेमौसमी वर्षा किसानों की चिंता बढ़ा रही है। बृहस्पतिवार दिनभर बादल आंख-मिचौली खेलते रहे। शाम को जिले भर में तेज हवा के साथ वर्षा शुरू हो गई। सबसे अधिक राई और खरखौदा तहसील में 14-14 एमएम वर्षा दर्ज की गई। मौसम विभाग ने 31 मार्च और तीन अप्रैल को भी वर्षा होने की संभावना जताई है।

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    इससे किसानों की फसलों को लेकर चिंता बढ़ गई है, क्योंकि यह समय गेहूं की फसल के पकने का समय है। पिछले दिनों हुई वर्षा से गेहूं, सरसों और सब्जी की फसल को नुकसान हुआ है। अब वर्षा होने पर फसलों को अधिक नुकसानदायक होगा।

    मौसम विभाग ने पहले ही 30 व 31 मार्च और तीन अप्रैल को बादल छाए रहने, हवा चलने के साथ वर्षा होने की संभावना जताई थी। बृहस्पतिवार सुबह ही मौसम में बदलाव हुआ और आसमान में बादल छा गए जिन्होंने किसानों की चिंता बढ़ा दी। 20 मार्च को 18 घंटे के दौरान सोनीपत जिले में 46 एमएम से अधिक वर्षा दर्ज हुई थी। कुछ क्षेत्र में ओलावृष्टि भी हुई थी।

    वर्षा ऐसे समय में हुई थी जब किसानों की गेहूं की फसल पकने के लिए तैयार है। तेज हवा के साथ वर्षा से गेहूं की फसल बिछ गई थी। कुछ क्षेत्रों में खेतों में पानी भर गया था। किसानों का कहना है कि फसल गिरने के कारण गेहूं के दाने का पूरी तरह से विकास नहीं होने के कारण उत्पादन कम मिलेगा। वहीं, पानी भरा रहने पर फसल भी खराब हो जाएगी। वर्षा के कारण सब्जी की फसल में 50 प्रतिशत और गेहूं की फसल में 30 प्रतिशत तक नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है। अब फिर से यदि वर्षा हुई तो नुकसान अधिक होगा।

    किसानों को होगा दोहरा नुकसान 

    वर्षा के कारण किसानों को दोहरा नुकसान होगा। एक तो फसल बिछने से उत्पादन कम होगा। दूसरा, फसल कटाई के लिए कामगारों को अधिक मजदूरी देनी होगी। किसान सत्यवान, जयभगवान, कुलदीप सिंह का कहना है कि इस बार वर्षा से किसानों को दोहरी मार पड़ेगी। वर्षा ऐसे समय में आई है, जब फसल पकने का समय है। फसल बिछने के कारण दाने का फुलाव कम होगा। इससे उत्पादन कम होगा। वहीं, वर्षा के कारण फसल देरी से पकेगी। इससे कटाई का कार्य भी देरी से शुरू होगा। जहां पहले अप्रैल के पहले सप्ताह में गेहूं मंडी में पहुंच जाता था। यदि मौसम साफ रहा तो इस बार 15 मार्च के आसपास पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है।

    फसल खराब होने की शिकायतें

    खंड                        किसानों की संख्या

    गोहाना                                         1175

    कथूरा                                          1610

    खरखौदा                                      990

    सोनीपत                                       672

    मुंडलाना                                      665

    राई                                              29

    गन्नौर                                            166

    कहां पर कितनी हुई वर्षा

    • सोनीपत      ---- 4 एमएम
    • गन्नौर          ---- 4 एमएम
    • गोहाना       ---- 5 एमएम
    • खरखौदा   ---- 14 एमएम
    • खानपुर कलां ---- 2 एमएम
    • राई              ---- 14 एमएम

    तेज हवा ने बढ़ाई मुसीबत

    गन्नौर में बृहस्पतिवार की शाम को मौसम में हुए बदलाव के बाद तेज आंधी के साथ वर्षा शुरू हो गई। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार वर्षा गेंहू के अलावा सरसों की फसल व सब्जियों के लिए नुकसानदायक है। देर शाम तेज हवाओं के साथ शुरू हुई वर्षा से तापमान में भी एकाएक गिरावट दर्ज की गई। इससे एक बार फिर ठंड बढ़ गई। किसानों का कहना है कि लगातार हो रही वर्षा से जमीन पर बिछी गेहूं की फसल ऊपर उठने की संभावना कम है जिसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ेगा।

    शाम होते-होते बरसने लगे बादल

    खरखौदा में दिन भर कभी धूप निकलती रही तो कभी आसमान में बादल छाते रहे, शाम को हवाएं चलने के साथ ही वर्षा भी शुरू हो गई। साढ़े पांच बजे के करीब शुरू हुई हल्की वर्षा कुछ देर बाद तेज वर्षा में बदल गई। यह ज्यादा देर तक नहीं रही। बेमौसमी वर्षा से पहले से ही नुकसान झेल रहे किसानों को एक बार फिर से चिंतित करने का काम किया है। किसान खेतों में बीते दिनों हुई वर्षा से हुए नुकसान को अभी झेल भी नहीं पाए थे कि एक बार फिर से बृहस्पतिवार को वर्षा होने से किसानों को फसलों में और नुकसान की चिंता सता रही है।