Sonipat News: सफाई टेंडर खत्म होने के बाद भी शहर रहेगा साफ, निगम ने की ऐसी व्यवस्था
सोनीपत में सफाई टेंडर खत्म होने के बाद भी शहर की सफाई व्यवस्था बनी रहेगी। नगर निगम ने अस्थायी टेंडर आमंत्रित किए हैं और पुरानी एजेंसी को सफाई जारी रखने के निर्देश दिए हैं। निगम शहर में नौ मीटर से अधिक चौड़ी सड़कों की सफाई मशीनों से करेगा और सात वार्डों में निगम के कर्मचारी सफाई करेंगे। निगम नालों की जगह पाइप डालने की योजना बना रहा है।

जागरण संवाददाता, सोनीपत। सफाई टेंडर समाप्त होने के बावजूद शहर की सफाई व्यवस्था प्रभावित नहीं होगी। नगर निगम ने नई व्यवस्था लागू होने तक अस्थायी तौर पर चार माह के लिए शॉर्ट टर्म टेंडर आमंत्रित किए हैं, जो इसी सप्ताह खुलेंगे। टेंडर की शर्तें पूरी करने वाली एजेंसी को टेंडर आवंटित किया जाएगा। तब तक पुरानी एजेंसी को ही सफाई करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि सफाई व्यवस्था प्रभावित न हो।
हालांकि, नए टेंडर में कर्मचारियों की संख्या कम होने से पार्षद भी सवाल उठा रहे हैं। हालांकि, निगम का कहना है कि सफाई व्यवस्था को बेहतर तरीके से संचालित किया जाएगा। इसके लिए व्यवस्था कर ली गई है।
शहर की सफाई का टेंडर समाप्त हो गया है। हालांकि, इसका सफाई व्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ेगा। निगम ने नई सफाई व्यवस्था की योजना तैयार कर ली है। शहर में नौ मीटर या इससे अधिक चौड़ी सड़कों की सफाई स्वीपिंग मशीनों से की जाएगी।
निगम में मशीनों की संख्या एक से बढ़कर तीन हो गई है। शहर के सात वार्डों में सफाई का काम निगम के कर्मचारी ही करेंगे। फिलहाल, चार महीने के लिए शॉर्ट टर्म टेंडर लगाया गया है, जिस पर हर महीने करीब 90 लाख रुपये खर्च होंगे। नगर निगम अपनी टेंडर प्रक्रिया पर काम कर रहा है। इसी हफ्ते टेंडर खोले जाएँगे।
नालों की जगह लगेंगे पाइप, सफाई का खर्च होगा कम
नगर निगम हाल ही में सफाई पर 3.60 करोड़ रुपये खर्च कर रहा था। हालांकि इसमें शहर के नाले भी शामिल थे, लेकिन अब नगर निगम ने शॉर्ट टर्म टेंडर में नालों की सफाई को अलग रखा है।
निगम अधिकारियों का कहना है कि उनकी योजना शहर के नालों की जगह पाइप डालने की है। इससे नाले बंद हो जाएंगे। केवल कुछ दूरी पर बने पॉइंट्स की ही सफाई होगी। इससे नालों की सफाई का खर्च काफी हद तक कम हो जाएगा।
निगम के 304 कर्मचारी सात वार्डों की करेंगे सफाई
नगर निगम में करीब 304 सफाई कर्मचारी कार्यरत हैं। निगम इन कर्मचारियों को सात वार्डों में तैनात करेगा। ये कर्मचारी इन वार्डों में सफाई और नाला सफाई का काम भी करेंगे। अधिकारियों का कहना है कि जब स्वीपिंग मशीनों की संख्या बढ़ेगी, तो सड़कों की सफाई के लिए काफी कर्मचारियों की जरूरत पड़ेगी। अब सड़कों की सफाई मशीनों से होगी।
पार्षद ने नई व्यवस्था पर उठाए सवाल
वार्ड 14 से 20 तक की सफाई व्यवस्था नगर निगम के कर्मचारी संभालेंगे। ऐसे में वार्ड 16 की पार्षद मोनिका नागर ने सवाल उठाए हैं। मोनिका का कहना है कि लाइन पार का इलाका पिछड़ा हुआ है। यहां खुले नाले और कच्ची गलियां हैं। जिस व्यवस्था को 900 कर्मचारी भी नहीं संभाल पाए, उसे नगर निगम के 300 कर्मचारी कैसे संभाल पाएंगे, जबकि नगर निगम के पास एजेंसियों जितने संसाधन भी नहीं हैं। मोनिका ने नगर निगम आयुक्त हर्षित कुमार को भी शिकायत भेजी है।
सफाई का टेंडर 31 अगस्त को समाप्त हो गया था। एजेंसी को नई व्यवस्था लागू होने तक सफाई जारी रखने को कहा गया है। इससे सफाई व्यवस्था प्रभावित नहीं होगी। वहीं, नई व्यवस्था लागू करने के लिए टेंडर भी आमंत्रित किए गए हैं। जो इसी सप्ताह खुलेंगे। जल्द ही टेंडर लेने वाली एजेंसी काम शुरू कर देगी।
- सतेंद्र दहिया, मुख्य सफाई निरीक्षक, नगर निगम।
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