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    Haryana: दिल्ली को भी पीछे छोड़ गया हरियाणा का यह जिला, प्रदूषण के मामले में बना नंबर वन; 271 पहुंचा AQI

    Haryana बुधवार को सोनीपत का एक्यूआइ देश में सबसे ज्यादा दर्ज किया गया। सीपीसीबी के मुरथल स्थित एयर क्वालिटी मानिटरिंग सेंटर में बुधवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 271 तक पहुंच गया। जानकारों के मुताबिक हवा की गति कम होने और मौसम में नमी बढ़ने के कारण धूल कण और अन्य प्रदूषण फैलाने वाले कारक सतह पर बने हुए हैं। बुधवार को हवा की गति छह किलोमीटर प्रति घंटा रही।

    By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Thu, 05 Oct 2023 06:30 AM (IST)
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    Haryana: दिल्ली को भी पीछे छोड़ गया हरियाणा का यह जिला, प्रदूषण के मामले में बना नंबर वन

    जागरण संवाददाता, सोनीपत। वर्षा का सीजन खत्म होते ही शहर में प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है। बुधवार को सोनीपत का एक्यूआइ देश में सबसे ज्यादा दर्ज किया गया। सीपीसीबी के मुरथल स्थित एयर क्वालिटी मानिटरिंग सेंटर में बुधवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 271 तक पहुंच गया।

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    इसे वायु प्रदूषण की खराब श्रेणी माना जाता है। पिछले 15 दिन के अंदर दूसरी बार एक्यूआइ सबसे अधिक रहा है। पिछले महीने एक्यूआइ 275 तक पहुंच गया था। जानकारों का कहना है कि हवा की गति कम होने और मौसम में नमी बढ़ने के कारण धूल कण और अन्य प्रदूषण फैलाने वाले कारक सतह पर बने हुए हैं। बुधवार को हवा की गति छह किलोमीटर प्रति घंटा रही।

    300 तक पहुंच जाएगा AQI

    अगर इसी तरह के हालत रहे तो आने वाले दिनों में एक्यूआइ 300 तक पहुंच जाएगा। प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक सड़कों की धूल और निर्माणाधीन साइटों पर नियमों का उल्लंघन प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है। टूटी सड़कों को बनाने और धूल को साफ करने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

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    इस संबंध में नगर निगम समेत सभी एजेंसियों को पत्र भेजा जा चुका है। वहीं डस्ट पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं करवाने वाली 24 निर्माण साइटों को नोटिस जारी किया गया है। इस पोर्टल पर पहले से रजिस्टर्ड 19 साइटों की जांच की गई तो वहां भी प्रदूषण रोकने के उपाय सही नहीं पाए गए, इन साइटों को भी नोटिस जारी किया गया है।

    ये है प्रदूषण लेवल

    • -एक्यूआइ 0 से 50 के बीच अच्छा
    •  51 से 100 तक संतोषजनक
    • 101 से 200 तक मध्यम
    • 201 से 300 तक खराब
    • 301 से 400 बहुत खराब
    •  401 से 500 के बीच को गंभीर

    प्रदूषण रोकने के उपायों पर गंभीरता से काम किया जा रहा है। नगर निगम, पीडब्ल्यूडी समेत तमाम विभागों को उनकी जिम्मेदारियां सौंपी जा चुकी हैं। अगर कोई अधिकारी लापरवाही बरतता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

    -प्रदीप सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

    बुधवार को देश के अन्य शहरों की स्थिति

            शहर-----------एक्यूआइ

    • भरतपुर--------235
    • भिवाड़ी---------222
    • बुलंदशहर------215
    • ग्रेटर नोएडा----220
    • गुरुग्राम--------233
    • सोनीपत-------271
    • श्रीगंगानगर---240

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